Sharad Purnima: इस बार कई शुभ संयोग लेकर आई है शरद पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

Sharad Purnima 2020 ज्योतिषाचार्य पं अजीत मिश्रा बताते हैं कि शरद पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग तथा मार्गी हो चुके शनि में 30 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 05.47 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन शनिवार की रात 08.21 मिनट तक रहेगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:15 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 12:07 PM (IST)
Sharad Purnima: इस बार कई शुभ संयोग लेकर आई है शरद पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
हिंदू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है।

रांची, जासं। शरद पूर्णिमा या कोजागिरी लक्ष्मी पूजा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार, शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा पूरे साल में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिंदू धर्म में इस दिन को कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। मगर इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस बार विशेष पूजा की जा सकती है। ज्योतिषाचार्य पं अजीत मिश्रा बताते हैं कि शरद पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग तथा मार्गी हो चुके शनि में 30 अक्टूबर, शुक्रवार को शाम 05.47 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन शनिवार की रात 08.21 मिनट तक रहेगी। यदि आप शरद पूर्णिमा का व्रत रखना चाहते हैं तो शास्त्रानुसार यह व्रत और श्री सत्यनारायण व्रत शनिवार को ही रखना चाहिए।

दिन में बनेंगे कई शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं अजीत मिश्रा ने बताया कि इस बार शरद पूर्णिमा पर कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इससे मां लक्ष्मी की उपासना के लिए ये पूर्णिमा बेहद खास है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करके मां की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है।

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11.42 से 12.27 बजे तक।

विजय मुहूर्त- दोपहर 01.55 से 02.40 बजे तक।

इसके अलावा आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

खगोलीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है आज का दिन

आज शरद पूर्णिमा ब्लू मून होगा। इसके बाद 19 वर्ष के बाद ब्लू मून का दुर्लभ संयोग बनेगा। ब्लू मून में चंद्र का आकार थोड़ा बड़ा और हल्का नीला सा दिखता है। आमतौर पर हर महीने में एक बार पूर्णिमा और एक बार अमावस्या होती है। मगर कभी-कभी एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होती है और ऐसे में दूसरी पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाता है।

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