किसानों को मिले लाह की सही कीमत

रांची: लाह का उपयोग सिर्फ चूड़ी बनाने तक सीमित नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 08:56 AM (IST)
किसानों को मिले लाह की सही कीमत
किसानों को मिले लाह की सही कीमत

रांची: लाह का उपयोग सिर्फ चूड़ी बनाने तक सीमित नहीं है। इसका उपयोग दीवारों में लगने वाले पेंट से लेकर नेल पॉलिश तक में होता है। ये बातें बुधवार को भारतीय प्राकृतिक रॉल एवं गोंद संस्थान के निदेशक डॉक्टर केके शर्मा ने कही। वे मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड द्वारा आयोजित लाह कृषकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे।

उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य लाह कृषकों के लिए लाह की मूल्य संवर्धन व स्वरोजगार को बढ़ाना है। शर्मा ने लाह मूल्य संवर्धन उत्पादों के तकनीकी एवं वैज्ञानिक पहलू पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाह के उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। इसकी वैज्ञानिक ढंग से खेती करें।

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झारखंड सबसे ज्यादा लाह उत्पदन वाला राज्य

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हस्तशिल्पकारों और उद्यमियों के आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड लाह, लघुवन पदार्थ, तसर, हस्तशिल्पकार से जुड़े उत्पादों पर काम करता है। विशेष कार्य पदाधिकारी संजीत कुमार एवं उप निदेशक आनंद गोठी ने बोर्ड की भूमिका को पीपीटी प्रजेंटेशन द्वारा प्रकाश डाला। झास्कोलैंप के प्रबंध निदेशक रवि शकर पाडे ने लाह आहरण व्यवस्था के ऊपर बात की। उन्होंने कहा कि झारखंड सबसे ज्यादा लाह उत्पादन करने वाला राज्य है। यहा करीब 10 हजार मीट्रिक टन लाह का उत्पाद होता है, लेकिन क्रय-विक्रय संगठित नहीं होने की वजह से किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे लाह का मूल्य संवर्धन करने से किसानों को अधिक लाभ होगा।

ट्राइफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक एके मिश्र ने कहा कि ट्राइफेड जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंदर एक विभाग है जो हस्तशिल्पकारों के विकास और वन उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर काम करता है। उन्होंने ट्राइफेड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र चला, जिसमें स्वयं सहायता समूह, सखी मंडल, उद्यमी मंडल व अन्य ने अपने सवाल रखें। उपनिदेशक रितु कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में जोन दीपक तोपगाड़ी, श्रीकांत, एके मिश्र, आनंद गोठी, रवि शंकर पांडेय, संजीत कुमार सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।

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