स्टोरी के माध्यम से किया बच्चों को संस्कारों के प्रति जागरूक

दैनिक जागरण की ओर से ऑक्सफोर्ड स्कूल में संस्कारशाला का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 01:28 AM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 01:28 AM (IST)
स्टोरी के माध्यम से किया बच्चों को संस्कारों के प्रति जागरूक
स्टोरी के माध्यम से किया बच्चों को संस्कारों के प्रति जागरूक

जागरण संवाददाता, राची : कहते हैं कि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जिस आकर में ढाला जाए वह उसी आकर में ढल जाते हैं। बचपन से ही अगर उन्हें अच्छे संस्कार मिले तो वह आगे चलकर ना सिर्फ अपने परिवार, अपने स्कूल का नाम रोशन करते हैं बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन करते हैं। बच्चों को अच्छे संस्कार बचपन से ही सिखाना अति आवश्यक होता है। ताकि वह आगे चलकर एक अच्छे नागरिक का फर्ज निभा सके और अपने आसपास के लोगों को भी इससे अवगत करा सकें। इसी सोच के तहत दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे संस्कारशाला कार्यक्रम में बुधवार को राची के ऑक्सफोर्ड स्कूल में स्टोरी टेलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों को प्रेरक कहानियां सुनाई गई और इसके पीछे का सार बताया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य रोचक ढंग से बच्चों को अपने संस्कारों के प्रति जागरूक करना है। ताकि इसे बच्चे अपने जीवन तथा आसपास के लोगों के संग साझा करें। कार्यक्रम में शहर के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर मिलन कुमार सिन्हा ने बच्चों को रोचक कहानिया सुनाई तथा उसके पीछे का सार भी बताया। बच्चों को बताया गया कि वह किस प्रकार अपने से बड़ों का सम्मान करें और खुद आत्ममंथन करें कि हमें अपने से बड़ों की तथा अपने गुरुओं का किस प्रकार सम्मान करना चाहिए। मिलन कुमार सिन्हा ने बच्चों से कहा कि कोई भी व्यक्ति तभी किसी मुकाम को हासिल कर पाता है जब उसमें सीखने की ललक हो और सीखने की ललक तभी आती है जब वह अपने से बड़ों का आदर करें और उनसे सीखने की चाह रखे। बचपन से ही अगर बच्चों को सिखाया जाए कि हमारे बड़े तथा हमारे शिक्षक हमारे लिए अच्छा सोचते हैं तो आगे चलकर बच्चे उन्हें जरूर फॉलो करते हैं। हमें अपने परिवार तथा घर में भी इन संस्कारों को बच्चों को देना चाहिए। जिस प्रकार घर में मा पिता बच्चों को अच्छे संस्कार देते हैं उसी प्रकार विद्यालय में भी शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों में अच्छे संस्कार भरने का प्रयास करते हैं। यही संस्कार है जो आगे चलकर बच्चों को आगे बढ़ाती है और उनके उज्जवल भविष्य का निर्माण करती है। बच्चों को खूब भाया स्टोरी टेलिंग का अंदाज

स्टोरी टेलर तथा मोटिवेशनल स्पीकर मिलन कुमार सिन्हा ने बच्चों को छोटे से बच्चे आर्यन की कहानी सुनाई जिसमें आर्यन को उसके गलत व्यवहार के लिए स्कूल में डाट पड़ी थी परंतु उसके पिता ने आर्यन का सपोर्ट करते हुए स्कूल में क्लास टीचर से लड़ाई की थी तथा आर्यन को सही बताया था। आर्यन को अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब वह अपने दादा जी के साथ कहीं जा रहा था और गलती सामने वाले की थी परंतु आर्यन के दादाजी को लोगों ने गलत समझा। तब जाकर आर्यन की आखें खुली और उसे एहसास हुआ। तब उसने फौरन जाकर अपने पिता को सारी बात बताई और उनसे अपने शिक्षक से क्षमा मागने को कहा। पिता को भी आर्यन की बात सही लगी और उन्होंने शिक्षक से जाकर माफी मागी और शिक्षक ने भी आर्यन को तथा उनके पिता को खुशी-खुशी माफ कर दिया। कार्यक्रम में मिलन ने बच्चों से कहानी से जुड़े कई प्रश्न पूछे और बच्चों ने भी इस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सारे प्रश्नों का सही उत्तर दिया।

दैनिक जागरण संस्कारों को लोगों व समाज में समायोजित करने का कार्य कर रहा है। माता-पिता व गुरूजन बच्चों को संस्कार देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हैं। जागरण भी इसी प्रकार बच्चों में ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति में संस्कारों के लिए जागरूकता फैला रहा है।

- पूजा सिंह, शिक्षक हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उनके बच्चे संस्कारवान हों। समाज में उनके बच्चों की तरफ कोई गलत तरीके से उंगली न उठाए। वे गलत संगत में जाकर बुरे आचार में न आएं। उनके अंदर अच्छे संस्कारों को डाला जाए। दैनिक जागरण यह कार्य अच्छे से कर रहा है।

- अंचल केसरी, शिक्षक अच्छे संस्कार कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। दैनिक जागरण की तरफ से बच्चों, अभिभावकों व आम जन को संस्कारवान बनाने के लिए लेख प्रकाशित कर संस्कार दिए जा रहे हैं। उससे बच्चे ही क्यों हर व्यक्ति संस्कार वान हो सकता है।

- संगीता हजारी, शिक्षक आने वाला भविष्य सुदृढ़ हो सके, इसके लिए आज ही हमें संस्कारवान होना होगा। जब एक दूसरे में अच्छे संस्कार होंगे और अच्छा व्यवहार होगा तो अच्छे समाज का निर्माण भी होगा। दैनिक जागरण भी अपनी अहम भूमिका अदा कर रहा है।

- शर्मिष्ठा वर्धन, शिक्षक बच्चों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालना चाहिए। बच्चों को केवल अच्छे संस्कार देने चाहिए ताकि वे अपने मार्ग से न भटकें। बच्चा तो एक कच्चे घड़े के समान होता है। उसमें जैसे संस्कार डाले जाएंगे वैसे ही वह आगे बढ़ेगा।

- श्रवण कुमार, शिक्षक विद्यार्थियों की प्रक्त्रिया : अच्छी संगत में रहने से ही अच्छे संस्कार का संचार होता है। इसलिए हमें अपना भविष्य उज्जवल करने के लिए अच्छे संस्कार अपनाने चाहिए।

- श्रुति कुमारी, छात्रा कहानी बहुत अच्छी लगी। हमें अपने से बड़ों की बात माननी चाहिए। वो हमारा भला चाहते हैं

- अक्षरा, छात्रा मैं भी आर्यन की तरह एक अच्छा बच्चा बनना चाहता हूँ ताकि सभी मेरी प्रशसा करें

- अभिषेक, छात्र कहानी बहुत अच्छी लगी उससे सिख मिली की हमे किसी को भी अपमानित नहीं करना चाहिए, ऐसा करना गलत होता है

- ऋषिका, छात्रा कहानी मुझे बहुत पसंद आयी। मुझे भी आर्यन की तरह लोगों को रेस्पेक्ट करनी है और जो ऐसा न करें उनको समझाना है

- सुशात, छात्र

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