RSS Sangh Samagam: संघ प्रमुख मोहन भागवत की खरी-खरी, भारत में कुछ बुरा हुआ तो जिम्‍मेवारी हिन्‍दुओं की VIDEO

RSS Sangh Samagam राजधानी रांची के मोरहाबादी में रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्‍टेडियम में बड़ी संख्‍या में स्‍वयंसेवक सरसंघचालक को सुनने पहुंचे। यहां RSS के दिग्‍गज जुटे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 07:27 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 05:22 PM (IST)
RSS Sangh Samagam: संघ प्रमुख मोहन भागवत की खरी-खरी, भारत में कुछ बुरा हुआ तो जिम्‍मेवारी हिन्‍दुओं की VIDEO
RSS Sangh Samagam: संघ प्रमुख मोहन भागवत की खरी-खरी, भारत में कुछ बुरा हुआ तो जिम्‍मेवारी हिन्‍दुओं की VIDEO

रांची, जेएनएन। RSS Sangh Samagam राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि भारतीयता और हिंदू एक-दूसरे के पर्याय और पूरक हैं। अपने देश की संस्कृति, परंपरा और विचारों का पूरा-पूरा प्रतिनिधित्व हिंदू शब्द करता है। ऐसे में हिंदुओं की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्हें राष्ट्र के निर्माण की जिम्मेदारी लेनी होगी। देश में अच्छा या बुरा जो भी होता है, उन सबकी जिम्मेदारी हिंदुओं को लेनी होगी।

उन्होंने आगे कहा कि देश को बढ़ाना है तो हिंदू को बढ़ाना होगा। आज विश्व को भारत की जरूरत है। हमें फिर विश्व गुरु बनना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को अपना स्वार्थ छोड़कर आगे आना होगा। संघ प्रमुख गुरुवार को रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों को संबोधित कर रहे थे।

#WATCH Ranchi: RSS chief recounts his conversation with an RSS worker in UK where he said "...'nationalism' shabd ka upyog mat kijiye. Nation kahenge chalega,national kahenge chalega,nationality kahenge chalgea,nationalism mat kaho. Nationalism ka matlab hota hai Hitler,naziwaad. pic.twitter.com/qvibUE7mYt

— ANI (@ANI) February 20, 2020

भारत आगे बढ़ेगा तो दुनिया का होगा भला

संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व के कुछ देश मानते हैं कि राष्ट्र के बड़ा होने से विश्व को खतरा है। उन्होंने एक बार के अपने यूके प्रवास का संदर्भ देते हुए कहा कि मेरे संबोधन से पहले वहां कुछ लोगों ने मुझे सलाह दी थी कि यहां नेशलिज्म शब्द को लोग फासीवाद से जोड़कर देखते हैं। इस शब्द के प्रयोग से परहेज करते हैं। वह मानते हैं कि राष्ट्र का बड़ा होना अच्छा नहीं है। हमारा मानना इससे अलग है। इतिहास गवाह रहा है कि भारत जब-जब बड़ा हुआ है तब-तब दुनिया का भला ही हुआ है। आज दुनिया को भारत की जरूरत है। राष्ट्र के नाते भारत बड़ा होगा तो विश्व का कल्याण ही होगा।

भारत को विश्वगुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता

सरसंघचालक ने कहा कि भारत में रहने वाले चाहे वे किसी भी पंथ, मत, भाषा और जाति के हों, सभी भारतीय संस्कृति से आपस में जुड़े हुए हैं। यह संस्कृति ही हिंदू है। विदेश में भी जब यहां के इस्लाम या ईसाईयत को मानने वाले जाते हैं तो उन्हें भी हिंदू ही कहा जाता है। मेरी बातें कुछ लोगों को खराब लगती हैं, लेकिन यहीं हकीकत है। यहां के लोगों का डीएनए 40 हजार वर्ष पुराना है। अंदर से सभी एक है। संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू कहने वालों को संगठित करने के लिए समाज को खड़ा करना होगा। जब समाज खड़ा होगा तो भारत को विश्व गुरु  बनने से कोई नहीं रोक सकता।

सेवा भावना से संघ से जुड़ें, सभी आएं आगे

इस मौके पर संघ प्रमुख ने समाज के लोगों से भी संघ से सेवा भाव के साथ जुडऩे की अपील की। समाज के प्रभावशाली लोगों, सेवानिवृत्त लोगों, छात्रों और बुद्धिजीवियों से समाज के लिए समय देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सबके सम्मिलित प्रयास से भारत आगे बढ़ेगा। साथ ही यह नसीहत भी दी कि संघ से कोई आशा-प्रत्याशा, महत्वाकांक्षा या स्वार्थ भावना लेकर नहीं जुड़ें, बल्कि सेवा, समर्पण और त्याग की भावना के साथ जुड़ें।

chat bot
आपका साथी