RSS, Seva Bharati: स्वदेशी के साथ स्वावलंबन की राह दिखा रही सेवा भारती

Rashtriya Swayamsevak Sangh Seva Bharati आरएसएस से जुड़ी महिलाएं पूरे देश में राखियां तैयार कर रही हैं। इस बार रक्षा बंधन पर बहनें भाइयों की कलाइयों पर स्वदेशी राखियां बांधेंगी।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 18 Jul 2020 07:46 AM (IST) Updated:Sat, 18 Jul 2020 08:02 AM (IST)
RSS, Seva Bharati: स्वदेशी के साथ स्वावलंबन की राह दिखा रही सेवा भारती
RSS, Seva Bharati: स्वदेशी के साथ स्वावलंबन की राह दिखा रही सेवा भारती

रांची, [संजय कुमार]। रक्षाबंधन पर इस बार बहनें भाइयों की कलाइयों पर स्वदेशी राखियां  बांधेगी। इसकी तैयारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती ने शुरू कर दी है। रांची सहित पूरे देश में सेवा भारती से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं राखी बनाने का काम कर रही हैं। इसके लिए सेवा भारती से संबद्ध सैकड़ों वैभवश्री (स्वयं सहायता समूह) की महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम 15 जून से ही चल रहा था।

इससे न सिर्फ चाइनिज राखियों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। राष्ट्रीय सेवा भारती के अधिकारी व आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक गुरुशरण प्रसाद का कहना है कि संघ लगातार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दे रहा है। भारत के लोग स्वावलंबी बने, वर्षों से प्रयास चल रहा है। इस काम में सेवा भारती सहित संघ के कई अनुषांगिक संगठन लगे हैं। इधर चीन के साथ उत्पन्न विवाद को केंद्र में रखकर इस काम में और तेजी लाई गई है।

70 हजार से अधिक महिलाएं राखी बनाने में लगी हैं

झारखंड सहित पूरे देश में महिलाओं की 12 हजार वैभवश्री ग्रुप यानी स्वयं सहायता समूह सेवा भारती से जुड़े हैं। एक ग्रुप में 12 से 15 महिलाएं रहती हैं। इन 12 हजार समूहों में से सात हजार ग्रुप की महिलाएं स्वावलंबन के काम में लगी हैं। सभी महिलाओं को विधिवत सिलाई, कढाई, कंप्यूटर संचालन आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन समूहों से जुड़ी सभी महिलाएं अभी राखी बनाने के काम में लगी हैं। इनके द्वारा तैयार राखियां बाजार में दिखने लगी है। बड़़े व्यापारियों से ऑडर भी मिलने लगे हैं।

चाइनिज राखियों की तुलना में दाम भी है कम

सेवा भारती की महिलाओं द्वारा तैयार राखियों की कीमत भी चाइनिज राखियों की तुलना में काफी कम है। ये पांच से लेकर 20 रुपये तक में उपलब्ध है। ये महिलाएं मौली धागा में गुडिय़ा, मोती आदि को सजाकर एक से एक सुंदर राखियां बना रही हैं। इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं।

राखी के बाद दीया व मोमबत्ती बनाने का काम करेंगी

गुरुशरण प्रसाद ने कहा कि राखी तैयार करने के बाद वैभवश्री की महिलाएं दीपावली को ध्यान में रखते हुए दीया, मोमबत्ती व बाती बनाने का काम करेंगी। इस बार दीपावली में भी चाइनिज दीये का बहिष्कार किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी