संघ की कुटुंब शाखा में शामिल हुए 50 लाख परिवार, 3 करोड़ लोगों ने एक समय पर की प्रार्थना

RSS Kutumb Sakha संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी के आह्वान पर पूरे देश में एक समय पर घरों में कुटुंब शाखा लगी। शाम 5.30 बजे तीन करोड़ से अधिक लोगों ने संघ प्रार्थना की।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sun, 19 Apr 2020 06:03 PM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2020 09:46 AM (IST)
संघ की कुटुंब शाखा में शामिल हुए 50 लाख परिवार, 3 करोड़ लोगों ने एक समय पर की प्रार्थना
संघ की कुटुंब शाखा में शामिल हुए 50 लाख परिवार, 3 करोड़ लोगों ने एक समय पर की प्रार्थना

रांची, [संजय कुमार]। RSS Kutumb Sakha रविवार को जैसे ही शाम में 5.30 बजे का समय हुआ, देश-विदेश में रहने वाले संघ परिवार से जुड़े लोगों के घरों में- 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिंदूभूमे सुखवं वर्धितोहम' (हे प्यार करने वाली मातृभूमि! मैं तुझे सदा (सदैव) नमस्कार करता हूं। तूने मेरा सुख से पालन-पोषण किया है।) की गूंज सुनाई देने लगी। अपने-अपने घरों में सभी स्वयंसेवक परिवार के साथ संघ की प्रार्थना कर रहे थे। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इतिहास रच दिया। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था कि एक साथ, एक समय पर लोग अपने परिवार के साथ संघ की प्रार्थना की हो।

संघ सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस के कारण संघ की ओर से शुरू की गई कुटुंब शाखा रविवार की शाम लगभग 50 लाख से अधिक परिवारों में लगी। इसमें लगभग तीन करोड़ से अधिक महिला, पुरुष एवं बच्चों के शामिल होने का अनुमान है। संघ के पदाधिकारियों का दावा है कि अमूमन एक परिवार में पांच से छह लोग शाखा में शामिल हुए हैैं। वैसे संयुक्त परिवारों में यह संख्या 15 से 20 तक भी थी। परिवार के साथ-साथ जो स्वयंसेवक जहां थे, वहीं उन्होंने प्रार्थना की। इसके लिए कई वाट्सएप ग्रुपों में स्वयंसेवकों की ओर से ऑडियो और वीडियो भी तैयार कर जारी किया गया था, ताकि जिन्हें प्रार्थना याद नहीं है वे सुनकर कर सकें।

एक नया अनुभव

कुटुंब शाखा को लेकर जहां पहले से ही लोगों में उत्साह था वहीं इससे जुड़े लोगों और उनके परिजनों के लिए भी यह नया अनुभव था। इससे उन्हें भी संघ को समझने का मौका मिला। समय-समय पर परिस्थिति के अनुसार अपनी कार्यपद्धति में बदलाव करने वाले आरएसएस ने कोरोना वायरस को लेकर घरों में कुटुंब शाखा की शुरुआत की। इसके माध्यम से परिवार में महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को भी संघ के बारे में बताने में सफल रहा। लॉकडाउन को लेकर मैदानों में शाखा बंद है। ऐसे में कुटुंब शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया जारी रही। साथ साथ ही साथ बच्चों में संस्कार देने का भी काम हुआ। नाम नहीं छापने की शर्त पर कई परिवार की महिलाओं ने कहा कि मुझे पहली बार पता चला की शाखा में क्या-क्या होता है। घरों में सुबह-शाम जो शाखा लगती है उसमें योग, व्यायाम, सूर्य नमस्कार के साथ-साथ किसी भी विषय पर आपस में लोग चर्चा भी करते हैं। फिर प्रार्थना करते हैं।

कोरोना संकट तक घरों में ही लगेगी शाखा

संघ के एक अधिकारी के अनुसार कोरोना वायरस के कारण चिकित्सक भी योग करने की सलाह लोगों को दे रहे हैं। स्वयंसेवक तो शाखा में प्रत्येक दिन योग, व्यायाम करते ही थे, अधिकतर परिवार की महिलाओं व बच्चों को यह मौका नहीं मिलता था। कुटुंब शाखा के कारण पूरा परिवार एक साथ योग करता है। इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है। घरों में शाखा लगाने की प्रक्रिया कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट की स्थिति तक जारी रहेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेताओं ने भी घरों में लगाई शाखा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मंत्री सीपी सिंह, भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी, भाजपा के प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू, समर सिंह सहित भाजपा के नेताओं ने अपने अपने घरों में परिवार के साथ प्रार्थना की। उधर एकल अभियान के अखिल भारतीय सह अभियान प्रमुख ललन शर्मा ने रांची के आरोग्य भवन स्थित अपने कार्यालय में परिवार के लोगों व परिचितों के साथ प्रार्थना की। विहिप के प्रदेश मंत्री बिरेन्द्र साहु ने भी परिवार के साथ प्रार्थना की। संघ के पदाधिकारियों ने संघ कार्यालयों में शाखा लगाकर प्रार्थना की।

विविध संगठन के लोग भी हुए शामिल

आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों से जुड़े परिवारों में भी कुटुंब शाखा लगी। इनमें विश्व हिंदू परिषद, सेवा भारती, विद्या भारती, एकल अभियान, वनवासी कल्याण केंद्र, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच, धर्म जागरण समन्वय, अधिवक्ता परिषद, आरोग्य भारती, भारतीय मजदूर संघ आदि संगठनों से जुड़े परिवारों में शाखा लगी, जिसमें परिवार के सभी लोग शामिल हुए। विहिप की ओर से दी गई सूचना के अनुसार झारखंड में 6870 परिवारों में शाखा लगी, जिसमें 34000 से अधिक लोग शामिल हुए।

विकास भारती के कार्यकर्ताओं ने खेत-खलिहानों में लगाई शाखा

आरएसएस के सर कार्यवाह भय्याजी जोशी के आह्वान पर रविवार को पूरे देश में कुटुंब शाखा लगी। झारखंड के सुदूर गांवों में काम करने वाली संस्था विकास भारती के कार्यकर्ताओं ने खेत-खलिहानों में भी शाखा लगाई। रांची के आरोग्य भवन में भी शाखा लगाई गई।

देशव्‍यापी लॉक डाउन के बीच संघ ने किया अनूठा प्रयोग

कोरोना वायरस की महामारी और देशव्‍यापी लॉक डाउन के बीच विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को अनूठा प्रयोग किया। भारत के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले सभी संघ स्वयंसेवकों ने निर्धारित समय शाम 5.30 बजे अपने-अपने घरों में पूरे परिवार के साथ प्रार्थना की। इसके लिए सभी को फोन के माध्यम से सूचना दी गई थी। इसमें तीन करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की जानकारी मिल रही है। यह संख्या और अधिक भी हो सकती है।

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ ने एक-एक परिवार की रिपोर्ट लेने की तैयारी की है। पूरी रिपोर्ट सोमवार तक मिल सकेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े घरों में रविवार शाम पांच बजे से 5.30 बजे तक कुटुंब शाखा लगी। इस दौरान संघ परिवार से जुड़े लोगों ने अपने-अपने घरों के परिसर, छत या दरवाजे पर संघ की प्रार्थना की। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में संघ की यह देशव्‍यापी प्रार्थना कोरोना वायरस से लड़ी जा रही लड़ाई को मजबूती देने के लिए आयोजित की गई है।

इससे पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने 19 अप्रैल, रविवार की शाम नियत समय पर एक साथ सभी स्‍वयंसेवकों से प्रार्थना में शामिल हाने का आह्वान किया था। इसके लिए शाम 5 बजकर 30 मिनट का समय तय किया गया। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की त्रासदी के कारण मैदानों में शाखा बंद होने के बाद संघ ने अपने स्‍वयंसेवकों को गतिशिल बनाए रखने के लिए प्रार्थना सह कुटुंब शाखा का आयोजन किया है।

संघ के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब सभी स्‍वयंसेवक अपने-अपने घरों में परिवार के साथ संघ प्रार्थना और करीब घंटेभर की शाखा लगा रहे हैं। इधर संघ के एक केंद्रीय अधिकारी ने कहा कि यह अस्‍थायी व्‍यवस्‍था है। स्थिति सामान्‍य होते ही फिर से मैदानों में शाखा का आयोजन पूर्ववत किया जाएगा।

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के झारखंड सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने बताया कि कुटुंब शाखा के जरिये परिवार में संस्‍कारों को पुनर्जीवित करने का प्रयास संघ कर रहा है। इससे व्‍यक्ति और चरित्र निर्माण की प्र‍क्रिया निर्बाध गति से चलती रहेगी। घर की महिलाओं और बच्‍चों को भी संघ को नजदीक से जानने का मौका मिला है। जो बच्‍चे कभी शाखा नहीं गए, रविवार की संघ प्रार्थना और कुटुंब शाखा में उन्‍होंने भी पूरी भागीदारी की।

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