डिस्टिलरी तालाब पर बन गया पार्क, पाताल में भू-जल

रांची : डिस्टिलरी तालाब पर पार्क बना दिया गया। शहर के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र से बहने वाली

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jun 2018 07:13 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jun 2018 07:13 AM (IST)
डिस्टिलरी तालाब पर बन गया पार्क, पाताल में भू-जल
डिस्टिलरी तालाब पर बन गया पार्क, पाताल में भू-जल

रांची : डिस्टिलरी तालाब पर पार्क बना दिया गया। शहर के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र से बहने वाली करम नदी को डिस्टिलरी तालाब का स्वरूप दिया गया था। इस तालाब पर बने डैम के कारण नजारा वाटर फॉल की तरह होता था। तालाब में जमे पानी और फॉल से झरझर नीचे गिरते पानी का नजारा देखने लायक होता था। कुछ दशक पूर्व तक लोग वाटर फॉल समझकर यहा घूमने भी आते थे। यह नदी-तालाब से शहर के बड़े क्षेत्र का भूगर्भ जल के रिचार्ज का स्त्रोत थी। धीरे-धीरे अतिक्रमण के कारण नदी सिमट गई। नदी का अस्तित्व खत्म हो गया। नदी नाला बन गई, हालांकि तालाब का बड़ा स्वरूप रहा।

निगम ने तालाब को पाट दिया

तालाब और जल स्त्रोत को बचाने का दावा कर रहे नगर निगम ने इस तालाब को भी पाट दिया। तालाब विकास की भेंट चढ़ गई। करोड़ों रुपये खर्च कर तालाब पर पार्क का निर्माण कर दिया गया। बड़े तालाब की जगह पार्क के भीतर स्वीमिंग पुल जैसे तालाब का निर्माण किया गया। वह तालाब भी उपेक्षा का शिकार हुआ और एक बारिश में ही उसका हिस्सा ध्वस्त हो गया। तेज बारिश को तालाब नहीं झेल सका और उसकी सीढ़ी व दीवार ढह गई। यहां बड़े तालाब के निर्माण की भी घोषणा हुई थी, जिसकी योजना अब तक हवा में है।

आसपास के क्षेत्रों में जल संकट

डिस्टिलरी तालाब समाप्त होने से शहर के पॉश इलाका कहे जाने वाले लालपुर, व‌र्द्धमान कंपाउंड, पीस रोड, कोकर आदि क्षेत्र और मोहल्लों में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। वर्षो से नहीं सूखने वाले कुएं का भी दम घुट गया। इस वर्ष की गर्मी में वे सूख गए। डिस्टिलरी से सटे ही कई घरों के कुओं का पानी सूख गया। इससे जलसंकट की स्थिति उत्पन्न हो गई।

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डीपीआर के तहत ईंट की दीवार का हुआ था निर्माण :

स्वामी विवेकानंद स्मृति पार्क के डीपीआर के तहत तालाब के चारों ओर 3.6 फीट ऊंची दीवार तैयार करने की डिजाइन तैयार की गई थी। डीपीआर के तहत 15 इंच मोटी ईंट की दीवार का निर्माण होना था। उस समय इस योजना की मॉनीट¨रग जलापूर्ति शाखा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार भंट्ट कर रहे थे। उनकी देखरेख में ही तालाब के चारों ओर 15 इंच मोटी ईंट की दीवार तैयार की गई थी। उनके स्थानांतरण के बाद पार्क निर्माण की योजना कार्यपालक अभियंता उमा शंकर राम को सौंप दी गई। उन्होंने तालाब के चारों ओर 15 इंच की दीवार निर्माण कराए जाने पर आपत्ति भी जताई थी। उन्होंने तालाब के चारों ओर बोल्डर पीचिंग कार्य करने का सुझाव दिया था। हालांकि आर्किटेक्ट ने ईंट की दीवार को ही सही ठहराया।

मेयर आशा लकड़ा ने तालाब के आकार को लेकर आपत्ति जताई थी। मेयर के निर्देश पर तालाब की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय लिया गया और तालाब की ऊंचाई 7.8 फीट कर दी गई थी।

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पार्क निर्माण की गुणवत्ता पर भिड़े थे मेयर व डिप्टी मेयर :

19 मई 2017 को स्वामी विवेकानंद स्मृति पार्क की गुणवत्ता को लेकर मेयर आशा लकड़ा व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय डिस्टिलरी पुल के समीप बीच सड़क पर भिड़ गए थे। आर्किटेक्ट राजीव चढ्डा ने सुझाव दिया था कि दो करोड़ रुपये में कैसी योजना बनाई जा सकती है। पैसा काफी कम है, इसलिए फेज-2 की योजना तैयार की गई है। मेयर ने कहा था कि जब हमारे पास दो करोड़ की राशि थी, तो उसी के अनुरूप पार्क व तालाब के सुंदरीकरण की योजना बनाई जानी चाहिए थी। तालाब को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकता था। मेयर ने इसके निर्माण पर कई सवाल खड़ा किए थे।

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होता रहा था विरोध, देखते-देखते सूखा दिया था तालाब :

जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण के नाम पर सुखाए जा रहे डिस्टिलरी तालाब को सुखाए जाने का विरोध इम्पावर झारखंड और झारखंड नव निर्माण मंच कोकर सहित अन्य सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने विरोध जताया था। मेयर से लेकर मंत्री तक में दौड़ लगाई थी। इसके बाद नतीजा सिफर रहा। तालाब को देखते ही देखते सूखा दिया गया। ऐसे में बड़े भू भाग के भूगर्भीय जलस्तर को बनाए रखने में मददगार साबित होने वाले इस तालाब के सूखने से लोग जलस्तर की समस्या से जूझने को मजबूर हो गए।

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फेज टू में बनाना था चेक डैम :

फेज टू में चेक डैम बनाने की योजना थी, लेकिन काम शुरू भी नहीं हुआ। डीपीआर बना, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। फेज टू में एक ही चीज सब्जी मार्केट की स्वीकृति मिली है। हालाकि अंडरग्राउंड सब्जी मार्केट का काम शुरू हो गया है। अहम बातें

- 29 जनवरी 2018 को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस पार्क का उद्घाटन किया था।

- 27 मई की रात तेज आंधी व मूसलधार बारिश में टूट गई थी तालाब की एक ओर की सीढ़ी।

- करीब पौने दो करोड़ की लागत से निर्मित डिस्टिलरी पार्क (स्वामी विवेकानंद स्मृति पार्क) की डिजाइन में है दोष।

- 28 मई को नगर आयुक्त ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी।

- डीपीआर के तहत तालाब की सीढ़ी के पीछे 15 इंच की दीवार का निर्माण किया गया, जिस वजह से दीवार गिर गई।

------ 'तालाब की सीढ़ी गिर जाने के मामले में जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। इस मामले में कनीय अभियंता, कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता व पीएमसी को शो-कॉज किया गया है। निर्माण कराने वाली कंपनी को डिबार किया जाएगा।'

- डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम।

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'डिस्टिलरी तालाब से करम नदी का अस्तित्व जुड़ा था। तालाब ही मिटते ही नदी समाप्त हो गई। निगम द्वारा पार्क बनाने के नाम बड़ी अनियमितता हुई। कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन हुआ। पार्क में बनाए गए तालाब ढह गया। अर्बन फारेस्ट के नाम पर कुछ नहीं। पार्क में खराब सामान लगा दी गई। इसके लिए फिर आंदोलन होगा। '

- आदित्य विक्रम जायसवाल, अध्यक्ष एमपावर झारखंड।

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'विकास के नाम पर डिस्टिलरी तालाब की दुर्गति हुई। तालाब को पाटकर पार्क व स्विमिंग पुल बना दिया गया। बड़ा तालाब बनाने की योजना थी। इसका नामोनिशान नहीं दिख रहा है। निगम की लापरवाही से पैसों की बंदरबांट की गई और तालाब को पाटने से जलस्रोत समाप्त हुआ है। इसका जिम्मेदार निगम है। '

- राहुल कुमार, महासचिव, यूथ कांग्रेस।

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