सभी आइटीआइ में करेंगे वर्षा जल संरक्षण का काम : राज पलिवार

प्राकृतिक रूप से समृद्ध झारखंड में जल संकट की समस्या विकराल रूप लेने लगी है। इसको लेकर सभी आइटीआइ में रेन वाटर संरचना का निर्माण कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Jul 2019 04:21 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jul 2019 04:21 AM (IST)
सभी आइटीआइ में करेंगे वर्षा जल संरक्षण का काम : राज पलिवार
सभी आइटीआइ में करेंगे वर्षा जल संरक्षण का काम : राज पलिवार

प्राकृतिक रूप से समृद्ध झारखंड में जल संकट की समस्या विकराल रूप लेने लगी है। भूगर्भ जल स्तर गिर रहा है, नदियां सूख रही हैं अन्य सतही जलस्रोत भी गर्मी के दिनों में दम तोड़ देते हैं। जरूरत जल को सहेजने की है। राज्य सरकार ने जहां इसके लिए जलशक्ति अभियान की शुरूआत की है, वहीं दैनिक जागरण का जल संचयन अभियान भी लोगों को जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री राज पलिवार से जल संरक्षण को लेकर दैनिक जागरण ने चर्चा की। राज पलिवार स्पष्ट कहते हैं कि समस्या हमने पैदा की है तो समाधान भी हमें ही खोजना होगा। प्रस्तुत है उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश :

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- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद शुरू हुए 'जल शक्ति अभियान' को झारखंड के परिपेक्ष्य में किस रूप में आप देखते हैं?

- जल संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री ने जो आह्वान किया है, उसके लिए उनका बहुत-बहुत आभार। जल संकट आज राष्ट्रीय नहीं अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। प्रधानमंत्री ने उस दिशा में सभी का ध्यान आकृष्ट कराया है। इस अभियान को लेकर विभिन्न राज्यों की सरकारों को तो गंभीरता दिखानी चाहिए। आमजनों का भी सहयोग आवश्यक है। जब तक जल संचयन अभियान से हर व्यक्ति, हर घर जुड़ेगा तभी समस्या का समाधान होगा। झारखंड में भी इस अभियान को लेकर राज्य सरकार गंभीर है।

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- झारखंड में जल संचयन को लेकर सरकार के स्तर से किए जा रहे प्रयासों को किस रूप में देखते हैं आप?

- राज्य सरकार के विभिन्न महकमे अपने-अपने स्तर से अभियान चला रहे हैं। जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है। चेकडैम के माध्यम से पानी को रोका जा रहा है। हमें जल संचयन को लेकर पुरानी अवधारणा से भी सबक लेना होगा। पुराने समय में ताल-तलैया की सुदृढ़ व्यवस्था थी। कालांतर में यह समस्या विकराल हो गई। प्रकृति ने मनुष्य को बहुत कुछ दिया है लेकिन उसका यदि आवश्यकता से अधिक दोहन किया जाएगा तो परिणाम जलसंकट जैसे ही आएंगे। समस्या हमने पैदा की है तो समाधान भी हमें ही निकालना होगा। हमें वर्षा जल को अधिक से अधिक सहेजना होगा।

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- आपके अपने विभाग से जुड़े आइटीआइ भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग को लागू करेंगे।

- प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद मैंने अपने अधिकारियों को इस बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश दिया है। सभी आइटीआइ भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। सभी सरकारी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होनी ही चाहिए। इस दिशा में सरकार के विभिन्न विभाग अपने-अपने स्तर से पहल भी कर रहे हैं।

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- 'दैनिक जागरण' ने स्कूलों में जलसेना का गठन कर जल संरक्षण को आदोलन का रूप देने का प्रयास किया है। इसे आप किस रूप में देखते हैं?

- दैनिक जागरण ने बच्चों को जोड़ते हुए जो अभियान शुरू किया है उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। बच्चे भारत का भविष्य हैं और उन्हें भविष्य की सबसे बड़ी समस्या से जोड़ने की पहल सराहनीय है। अभियान काबिलेतारीफ हैं। हमें विश्वास है, बच्चों की आवाज जन-जन की आवाज बनेगी।

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- किस तरह पंचायतों में जल शक्ति अभियान कारगर होगा?

- जल शक्ति अभियान को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं गंभीर है। गांवों में ट्रेंच सह बंड बनाए जा रहे हैं। डोभा व तालाब का निर्माण किया ही जा रहा है। बारिश के पानी को सहेजने की कोशिश की जा रही है। गांव और खेत के पानी को वहीं पर रोकना होगा।

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