वैक्सीनेशन को लेकर जारी है समस्या, लोगों को नहीं मिल पा रही मनचाही वैक्सीन

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर शनिवार को भी लोग परेशान रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 09:00 AM (IST)
वैक्सीनेशन को लेकर जारी है समस्या, लोगों को नहीं मिल पा रही मनचाही वैक्सीन
वैक्सीनेशन को लेकर जारी है समस्या, लोगों को नहीं मिल पा रही मनचाही वैक्सीन

जासं, रांची : कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर शनिवार को भी लोग परेशान रहे। शहर के 34 वैक्सीनेशन सेंटर और ग्रामीण क्षेत्र के आठ केंद्र में आठ हजार वैक्सीन की डोज भी कम पड़ गई। इसमें भी सभी जगह सिर्फ कोवैक्सीन ही उपलब्ध करायी गई थी। कई ऐसे लोग थे जिन्होंने पहली डोज कोविशील्ड की ले रखी थी। उन्हें दूसरी डोज में कोविशील्ड वैक्सीन की जरूरत थी। कोविशील्ड की तलाश में वे कई केंद्रों पर गए लेकर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अधिकतर केंद्रों में पूछताछ के लिए भीड़ लगी रही।

डीआरसीएचओ डा. एसबी बाखला बताते हैं कि जिले को सिर्फ कोवैक्सीन ही उपलब्ध करायी गई थी। केंद्रों में यही वैक्सीन भेजी गई। वैक्सीन की डोज भी कम थी। हर सेंटर में पूरी डोज नहीं भेजी जा सकी। जिले को जितनी वैक्सीन मिलेगी उसी के अनुसार सेंटरों के लिए मुहैया करायी जाएगी।

वैक्सीन की दूसरी डोज में अधिक समय का इंतजार हो सकता है खतरनाक :

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज अगर समय पर नहीं लिया है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। दूसरी डोज लेने में अधिक समय का निकलना समस्या पैदा कर सकता है। कुछ सप्ताह देर होने पर कोई परेशानी नहीं है। डा. राजेश बताते हैं कि दूसरी डोज नहीं लेना और अधिक खतरनाक है, इससे संक्रमण की आशंका रहती है। लेकिन कुछ सप्ताह देरी से डरने की जरूरत नहीं है। डाक्टरों के मुताबिक दूसरी डोज का निर्धारित समय के बाद भी ली जा सकती है। इसे छोड़ना भी गलत है।

अभी कई सेंटर में कोविशील्ड नहीं है, जिस कारण दूसरी डोज लेने वाले लोग परेशान हैं। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. एसबी खलखो ने बताया कि लोग बेवजह डर रहे हैं। दूसरी डोज सिर्फ बूस्टर है और यह सिर्फ एंटीबॉडी को बढ़ाने में मदद करता है। कुछ दिन की देर होने से कोई समस्या नहीं है। सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार बताते हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी है। लेकिन पहली डोज के बाद दूसरी डोज के समय की बात की जाए तो इसमें जो समय दिया गया है उसका पालन करना चाहिए। हालांकि देर होने पर डरने वाली बात नहीं है।

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मुझे कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लेनी थी। लेकिन नहीं मिल रही है। पूरे शहर में खोजा। जबकि दूसरीे डोज का समय 28 जून को ही आ गया था। जिला प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दूसरी डोज भी जरूरी है।

- धनंजय श्रीवास्तव

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कोविशील्ड वैक्सीन नहीं मिल रही है। काफी दिनों से केंद्र का चक्कर लगा रहा हूं। कभी केंद्र बंद रहता है तो कभी वैक्सीन नहीं मिलती। ऐसे में क्या किया जाए समझ में नहीं आ रहा है।

- आरसी पूर्ति

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एक तो वैक्सीनेशन केंद्रों की व्यवस्था चौपट है। लंबी लाइन लगी रहती है। किसी उम्र का कोई लिहाज नहीं है, जिससे वैक्सीन लेने के चक्कर में लोग बीमार पड़ रहे हैं। दूसरी ओर कौन सी वैक्सीन है, कौन सी नहीं है इसके बारे में कोई नोटिस तक नहीं लगाया जाता है। मुझे कोविशील्ड वैक्सीन मिल ही नहीं रही है।

- मुकेश कुमार गुप्ता

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निजी अस्पतालों में वैक्सीन लेने वालों की संख्या कम :

निजी अस्पतालों में वैक्सीन लेने वालों की संख्या कम है। जबकि सरकारी वैक्सीन केंद्रों में लोगों की भारी भीड़ है। निजी अस्पतालों में मिल रही वैक्सीन हजार रुपये तक में दी जा रही है। जबकि सरकारी केंद्रों में यह वैक्सीन निश्शुल्क दी जाती है। निजी अस्पतालों में वैक्सीन लेने वालों का प्रतिशत करीब 15 से 20 है। मेडिका अस्पताल के पीआरओ डा. आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि अस्पतालों में वैक्सीनेशन के लिए शुल्क निर्धारित है इसलिए लोग कम आ रहे हैं।

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