सत्ता का दुरुपयोग कर रही है सरकार

देशभर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी व स्टेन स्वामी के घर छापेमारी का विरोध

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Aug 2018 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 31 Aug 2018 10:30 AM (IST)
सत्ता का दुरुपयोग कर रही है सरकार
सत्ता का दुरुपयोग कर रही है सरकार

जागरण संवाददाता, रांची : रांची सहित देशभर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी व छापेमारी को लेकर गुरुवार को विभिन्न संगठनों ने रांची विवि के मुख्य द्वार से अलबर्ट एक्का चौक तक नागरिक प्रतिवाद मार्च निकाला। अलबर्ट चौक पर यह प्रतिवाद मार्च मानव श्रृंखला में तब्दील हो गया। इस प्रतिवाद मार्च में प्रख्यात अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, फिल्मकार मेघनाथ, श्रीप्रकाश, लेखक महादेव टोप्पो, वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास, साहित्यकार विनोद कुमार, डॉ बब्बन चौबे, आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू, विस्थापन विरोधी आदोलनकारी दयामनी बारला, झारखंड आदोलनकारी बशीर अहमद, काग्रेस नेता अजयनाथ शाहदेव,आदिवासी मूलवासी के आजम अहमद, नदीम खान, मजदूर नेता शिवेंदु सेन, जगरनाथ उराव, अफजल अनीश, साइंस फोरम के समीर दास, लोकतंत्र बचाओ मंच के वरुण कुमार,भारत भूषण, मानवधिकार कार्यकर्ता अलोका कुजूर, जेरोम जोराल्ड कुजूर, फादर महेंद्र, सुनील मिंज, अजय कुंडुला, सेराज दत्ता, अंकित अग्रवाल, आकाश रंजन, सुशीला टोप्पो, दीपा मिंज, नरेश मुर्मू, राकेश रौशन, स्टीफन लकड़ा, रूपेश साहू, भाकपा माले के भुनेश्वर केवट, सीपीआई के अधिवक्ता सचिदानंद मिश्रा, एसयूसीआई के मंटू पासवान, मासस के सुशातो मुखर्जी, आम आदमी पार्टी के राजेश कुमार, जेवीएम के अकबर कुरैशी, साजिद उमर आदि शामिल थे। हाथों में तख्तियां थीं। तख्तियों पर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, दुष्यंत कुमार आदि की पंक्तियां लिखी हुई थीं। लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है। वह सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भीमा केरेगाव की घटना कोई षड्यंत्रकारी घटना नहीं थी, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए गलत फैसले के खिलाफ जनविरोध था। इसे प्रधानमंत्री के खिलाफ षड्यंत्र के रूप में देखना या जोड़ना गलत है।

chat bot
आपका साथी