Pope Ambassador Jharkhand: झारखंड में पहली बार आ रहे पोप के राजदूत आर्कबिशप लियोपोल्डो गिरेली
Pope Ambassador In Jharkhand झारखंड में ईसाई समुदाय के लोगों से संवाद करने के लिए पोप के राजदूत आर्कबिशप लियोपोल्डो गिरेली पहली बार झारखंड आ रहे हैं। वह लातेहार जिले के महुआडांड में ईसाई धर्म के लोगों से बातचीत करेंगे। उनके भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है।
पलामू, जागरण संवाददाता। Archbishop Leopoldo Girelli भारत में पोप के राजदूत आर्कबिशप लियोपोल्डो गिरेली पहली बार झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं। वह लातेहार जिले के महुआडांड में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। वह यहां पर ईसाई धर्म के लोगों को संबोधित करेंगे। उनके आगमन को लेकर ईसाई समुदाय द्वारा तैयारियां की जा रही हैं। झारखंड में उनके भव्य स्वागत की तैयारी की गई है। इस कार्यक्रम को ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि उनके कार्यक्रम की रूपरेखा अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है।
संत जोसेफ स्कूल महुआडांड में होगा कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार, पोप के राजदूत आर्कबिशप लियोपोल्डो गिरेली बुधवार को यहां पहुंच रहे हैं। संत जोसेफ स्कूल महुआडांड में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उनके कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए यहां हर तरह की तैयारियां की जा रही हैं। उम्मीद की जा रही कि बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग यहां एकत्र होंगे, जिनसे वह संवाद करेंगे। बताया जा रहा कि पोप के राजदूत यहां चर्च और ईसाई धर्म के युवाओं से विशेष रूप से बात कर सकते हैं। इसके लिए युवाओं की सूची तैयार की गई है।
क्या है पोप के राजदूत की अहमियत
भारत में वैटिकन सिटी का धार्मिक राजदूतावास (अपोस्टोलिक ननशिअचर) नई दिल्ली में स्थित है। यह एक राजनयिक मिशन है। 13 मार्च 2021 को पोप फ्रांसिस द्वारा आर्कबिशप लियोपोल्डो गिरेली को धार्मिक राजदूत नामित किया गया था। वह पूर्व में इज़राइल और साइप्रस के राजदूत रह चुके हैं। यह राजदूतावस, भारत में कैथोलिक चर्च का एक चर्च कार्यालय है, जिसमें राजदूत का पद होता है। भारत में कैथोलिक पदानुक्रम और पोप (चर्च के प्रमुख के रूप में) के बीच प्रतिनिधि और बिंदु-संपर्क के रूप में कार्य करता है।