रिम्‍स के कंबल बैंक से मरीज के परिजन हो रहे लाभान्वित, जानें कैसे काम करता है रिटर्न एंड रिफंंड फार्मूला

RIMS Ranchi Jharkhand News एक माह में 1000 से अधिक लोगों ने रिटर्न एंड रिफंड के तहत रिम्‍स के कंबल बैंक से कंबल लिया। परिजनों ने कहा कि रिम्स जैसी सुविधा अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में भी होनी चाहिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 05:52 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 06:04 PM (IST)
रिम्‍स के कंबल बैंक से मरीज के परिजन हो रहे लाभान्वित, जानें कैसे काम करता है रिटर्न एंड रिफंंड फार्मूला
इसके लिए मात्र 200 रुपये बैंक में जमा करना होता है।

रांची, जासं। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ना सिर्फ मरीजों का इलाज व देखभाल किया जाता है, बल्कि इलाज के लिए अस्पताल आए उनके परिजनों के लिए भी रिम्स प्रबंधन सोचता है। बढ़ती ठंड के बीच किसी भी अस्पताल में परिजनों के लिए कंबल की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में रिम्स में एक कंबल बैंक है, जिसका संचालन प्रबंधन द्वारा ही किया जा रहा है। यहां से मरीज के परिजन अपनी आवश्यकता के अनुसार कंबल ले सकते हैं।

इसके लिए प्रत्येक कंबल के लिए 200 रुपये का शुल्क निर्धारित है। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर परिजन कंबल लौटकर अपने पूरे 200 रुपये प्राप्त कर सकते हैं। रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ. डीके सिंह की पहल पर शुरू की गई इस व्यवस्था को रिम्स में अब भी सुचारू रूप से चलाया जा रहा है और इसका फायदा लोगों को बखूबी मिल रहा है।

रिम्स के कर्मचारी ने बताया कि कंबल बैंक की शुरुआत इस साल 11 दिसंबर को की गई। महज एक महीने में ही 1000 से अधिक परिजनों ने इस सेवा का लाभ लिया है। 700 से अधिक कंबल वापस भी आ चुके हैं। रिटर्न एंड रिफंड के फार्मूले पर रिम्स का कंबल बैंक दूसरे अस्पतालों के लिए मॉडल बना है।

परिजनों ने कहा, ऐसी सुविधा सभी अस्पतालों में हो

इधर, रिम्स के कंबल बैंक से प्रभावित होकर कई परिजनों ने रिम्स प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की है। बुंडू से अपने मरीज सोहन महतो का इलाज कराने आए रामकिशुन महतो ने कहा कि रिम्स में दूर दराज से गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में कई बार बढ़ती ठंड में भी कुड़कुड़ाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं होता। रिम्स प्रबंधन का कंबल बैंक उन सभी के लिए वरदान है। मरीज के परिजन अभिजीत सिंह ने कहा कि ना सिर्फ सरकारी, बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी ऐसी सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

कंबल लेने के लिए 200 रुपये करने होंगे जमा

मरीजों को तो वार्ड में भर्ती करने के साथ ही कंबल उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन उनके साथ आने वाले परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कंबल बैंक से परिजन आसानी से कंबल प्राप्त कर सकते हैं। रिम्स प्रबंधन ने कंबल वापसी के नाम पर 200 रुपये शुल्क निर्धारित किए हैं। इससे परिजन जाने से पहले कंबल वापस बैंक में जमा कर दें और शुल्क के रूप में दिए पैसे वापस प्राप्त कर लें।

650 कंबल से शुरू हुआ है बैंक

इस बैंक में मरीजों की वर्तमान संख्या को देखते हुए 650 कंबल रखे गए हैं। रिम्स प्रबंधन के अनुसार मरीजों की संख्या बढऩे पर कंबल की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी कंबल रिम्स में मौजूद सुरक्षा गार्ड की निगरानी में रहेगा। कंबल बैंक के निर्माण में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने योगदान दिया है।

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