ऑनलाइन स्लॉट बुकिग बनी बुजुर्गों का दर्द

वैक्सीन कम मिलने के कारण बुधवार को सभी सेंटरों में ऑनलाइन बुकिग सिस्टम लागू किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 07:16 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 07:16 AM (IST)
ऑनलाइन स्लॉट बुकिग बनी बुजुर्गों का दर्द
ऑनलाइन स्लॉट बुकिग बनी बुजुर्गों का दर्द

जासं, रांची : वैक्सीन कम मिलने के कारण बुधवार को सभी सेंटरों में ऑनलाइन बुकिग सिस्टम लागू कर दिया गया। इससे भीड़ भले ही काबू में रही लेकिन सबसे अधिक परेशानी बुजु़र्गो को उठानी पड़ी। बुजूर्गाें को ऑनलाइन बुकिग में काफी परेशानी हुई। चार केंद्रों को छोड़ सभी केंद्रों में स्लॉट बुकिग करने के बाद ही वैक्सीन की डोज दी जा रही थी। जिन केंद्रों में बुकिग की जरूरत नहीं थी उसमें बीएमपी, सदर अस्पताल, नेपाल हाउस और प्रोजेक्ट भवन शामिल हैं। इन जगहों पर भी बुजुर्गों को वैक्सीन लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।

बीएमपी सेंटर में बुजुर्गों ने मांगा हक :

बीएमपी सेंटर में भीड़ अधिक होने के कारण बुजुर्गों को परेशानी हुई। लेकिन उनके लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई थी। बुजुर्गों ने इसे लेकर व्यवस्था पर सवाल उठाए और प्रशासन से इसकी अलग व्यवस्था करने का आग्रह किया है। जिन केंद्रों में स्लॉट बुकिग सिस्टम था वहां मोबाइल पर बुकिग कराना इन सीनियर सिटीजन के लिए सिर दर्द बना रहा। बुजुर्गो का कहना था कि सरकार वैक्सीन दे, परेशान ना करे। बिना स्लॉट बुकिग के नहीं मिली वैक्सीन :

जिन केंद्रों में स्लॉट बुकिग व्यवस्था लागू थी वहां बुकिग पर ही वैक्सीन मिली। जो बिना बुकिग के पहुंचे उन्हें वापस लौटना पड़ा। ऑनलाइन बुकिग के कारण भी भीड़ कम रही। लेकिन तीन दिन बाद वैक्सीन मिलने के कारण कई लोगों को नई व्यवस्था की जानकारी नहीं थी।

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जिले को नहीं मिली वैक्सीन, बची हुई 3200 डोज मिलेगी :

तीन दिन बाद शुरू हुए वैक्सीनेशन कैंप में बुधवार को जिले में 13,800 कोविशील्ड वैक्सीन की डोज दी गई। शहरी क्षेत्र में 1300 डोज लोगों ने स्लॉट बुकिग करवाने के बाद भी नहीं लिया। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 1900 डोज बच गयी। दोनों क्षेत्रों में यही डोज विभिन्न केंद्रों में दी जाएगी। बुधवार को जिले को कोई वैक्सीन नहीं मिली। इस कारण शहरी क्षेत्र में गुरुवार को सिर्फ छह जगहों पर कैंप लगाए जाएंगे। इसमें हाईकोर्ट, प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस, एजी ऑफिस, बंदोबस्त कार्यालय, सदर अस्पताल, फुटबॉल स्टेडियम मोरहाबादी और विधानसभा परिसर शामिल हैं। मालूम हो कि बुधवार को शहर के 32 केंद्रों में वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया था। डीआरसीएचओ डा. एसबी खलखो ने बताया कि फुटबॉल स्टेडियम और बंदोबस्त कार्यालय में ऑनलाइन बुकिग के माध्यम से ही वैक्सीन दी जाएगी। बाकी जगहों को वर्कप्लेस के रूप में रखा गया है।

सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार ने बताया कि जिले को ना तो कोवैक्सीन और ना ही कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध हुई है। इसके बाद गुरुवार को आठ जगहों को छोड़ कहीं भी वैक्सीनेशन नहीं हो पाएगा। नौवें विकल्प के रूप में मोबाइल वैन को रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में बची हुई वैक्सीन प्रखंडों के विभिन्न 16 सीएचसी व अन्य केंद्रों में दी जाएगी। खेप पहुंचते ही हर सेंटर में वैक्सीन उपलब्ध कराने का काम फिर से शुरू होगा।

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बातचीत :

काफी देर से कतार में लगे रहे। लेकिन बुजुर्गों के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है। सभी देख रहे हैं कि खड़े होने से परेशानी हो रही है, फिर भी कोई समझने वाला नहीं है। वैक्सीन मिले, इसे लेकर प्रशासन को बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था करनी चाहिए।

--डीबी शर्मा

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ऑनलाइन बुकिग कर वैक्सीन लेने की बात कही जा रही है। इस उम्र में केंद्र तक आना ही बड़ी बात है, ऑनलाइन बुकिग के लिए तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। मोबाइल पर इस व्यवस्था को कम से कम बुजुर्गों के लिए लागू नहीं करना चाहिए था।

-एस प्रधान।

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