अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों पर लागू होगा नो वर्क नो पे, प्रमाणपत्रों की होगी जांच
पारा शिक्षकों के अनुसार ग्राम शिक्षा समिति जब ऐसे पारा शिक्षकों से पठन-पाठन करा रही है तो उनपर नो वर्क नो पे लागू नहीं किया जा सकता।
रांची, राज्य ब्यूरो। अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के कार्यमुक्त करने की अवधि को 'नो वर्क, नो पे' के रूप में माना जाएगा। इसमें वैसे पारा शिक्षक भी शामिल हैं, जिनका राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआइओएस) ने इंटरमीडिएट में 50 फीसद अंक नहीं होने के कारण डीएलएड का परिणाम नॉट क्लीयर (एनसी) के रूप में जारी किया है। पारा शिक्षक राज्य परियोजना कार्यालय के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। उनके अनुसार, ग्राम शिक्षा समिति जब ऐसे पारा शिक्षकों से पठन-पाठन करा रही है, तो उनपर 'नो वर्क, नो पे' लागू नहीं किया जा सकता।
दरअसल, एनसी क्लीयर करनेवाले पारा शिक्षकों को मानदेय देने को लेकर राज्य परियोजना कार्यालय ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को एक आदेश जारी किया है। उसमें ही इस बात का उल्लेख किया गया है। उक्त आदेश में कहा गया है कि एनसी क्लीयर करनेवाले पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान पर विचार करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
इसमें जिला शिक्षा अधीक्षक तथा अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भी शामिल होंगे। यह कमेटी ऐसे सभी पारा शिक्षकों के एनसी क्लीयर करने का उत्तीर्णता प्रमाणपत्र की सत्यता की जांच कर 25 फरवरी तक रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को भेजेगी। कमेटी की अनुशंसा पर सम्यक विचार कर मानदेय भुगतान संबंधित आदेश दिया जाएगा। बता दें कि एनआइओएस से 50 फीसद अंकों के साथ इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद ऐसे पारा शिक्षकों को एनसी क्लीयर करने का प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
जनवरी माह का मानदेय जारी
राज्य परियोजना कार्यालय ने पारा शिक्षकों के जनवरी माह का मानदेय मंगलवार को जारी कर दिया। लगभग 55 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय की राशि जारी की गई है। बायोमीट्रिक उपस्थिति नहीं बनानेवाले पारा शिक्षकों का मानदेय जारी नहीं किया गया है।