मतांतरण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने की जरूरत, रांची में एकजुट हुआ झारखंड व छत्तीसगढ़ का जनजातीय समाज

Conversion in Jharkhand Hindi News Tribal Society of Jharkhand झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज ने मतांतरण कराने वालों से सजग रहने की अपील की। रांची के एचईसी सेक्टर तीन स्थित सरना स्थल पर जनजातीय समाज के लोगों ने बैठक की।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:06 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:14 PM (IST)
मतांतरण के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने की जरूरत, रांची में एकजुट हुआ झारखंड व छत्तीसगढ़ का जनजातीय समाज
Conversion in Jharkhand, Hindi News, Tribal Society of Jharkhand रांची में जनजातीय समाज की बैठक हुई।

रांची, जासं। झारखंड और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों की बैठक रांची के एचईसी, सेक्टर 3 स्थित सरना स्थल पर बुधवार को हुई। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में जनजातीय समाज के मतांतरण में लगे लोगों से बचने की अपील की। कहा, यदि अभी हम नहीं चेते तो आने वाले समय में जनजातीय समाज की स्थिति और खराब हो जाएगी। मिशनरियों का वर्चस्व बढ़ता जाएगा। इसके साथ ही जनगणना में अलग धर्म कोड को भी सभी लोगों ने नकार दिया।

छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उरांव संस्कृति सुरक्षा मंच से जुड़े लोग करम पर्व मनाने के लिए कोलकाता जाने के क्रम में रांची में जनजातीय सुरक्षा मंच और झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के लोगों के साथ बैठक की। वक्ताओं ने कहा कि मतांतरण के कारण जनजाति समाज का अस्तित्व और पहचान खतरे में पड़ गया है। जनजातियों के लिए अलग धर्म कोड हमारे हित में नहीं है। अलग धर्म कोड की मांग करने वाले संगठनों को एक बार आत्ममंथन कर लेना चाहिए।

छत्तीसगढ़ से आए राष्ट्रीय उरांव संस्कृति सुरक्षा मंच के संयोजक करण सय ने कहा है कि झारखंड ही नहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी चर्च द्वारा अवैध ढंग से मतांतरण का काम चल रहा है। अवैध ढंग से धर्मांतरण को रोकने के लिए हमें राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने की सख्त जरूरत है। झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि जनजातियों के लिए अलग धर्मकोड आवंटन होने के बाद आदिवासी/जनजाति समाज भी ईसाई, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन की तरह अल्पसंख्यक श्रेणी में आ जाएंगे।

ऐसी स्थिति में जनजातियों के लिए संविधान में प्रदत्त हक और अधिकार, रूढ़ि‍वादी प्रथा, संस्कृति प्रदत है, जो एक पहचान के रूप में मिला है, वह बरकरार रह पाना मुश्किल है। जनजाति सुरक्षा मंच झारखंड के संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि जनजाति समाज के लिए और एक समस्या आने वाली है। जाति आधारित आरक्षण की मांग हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है।

इसमें कोई भी धर्म को अपना लें, लेकिन जाति के आधार पर उन्हें भी आरक्षण मिलेगा। एक तरह से जनजातियों को नष्ट करने का प्रयास हो रहा है। इस बैठक में राजू राम, दिनेश्वर भगत, जवाहर भगत, अवध नारायण, सनी टोप्पो, कुमुदिनी लकड़ा, जय मंत्री उरांव, सुनील उरांव, ललित उरांव, लुथरु उरांव, पूजा देवी, कावेरी उरांव, लाल मुनी उरांव, रातरानी कच्‍छप, अंजलि खलखो, कंचन होरो पाहन सहित सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल हुए।

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