अशोक नगर के 43 प्लॉटों के वाणिज्यिक उपयोग पर लगी रोक

रांची नगर निगम ने संबंधित प्लॉटों पर चिपकाया नोटिस, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Jul 2018 04:49 PM (IST) Updated:Sun, 22 Jul 2018 04:49 PM (IST)
अशोक नगर के 43 प्लॉटों के वाणिज्यिक उपयोग पर लगी रोक
अशोक नगर के 43 प्लॉटों के वाणिज्यिक उपयोग पर लगी रोक

जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम ने अशोक नगर के 43 प्लॉटों पर नोटिस चिपका कर तत्काल प्रभाव से आवासीय कॉलोनी के प्लॉटों के वाणिज्यिक उपयोग पर रोक लगा दी है। नोटिस का उल्लंघन करने वालों पर अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार पॉल बनाम गुरुदास मित्रा एआइआर 2008 एससी/98, 2008 एआइआर एससीडबल्यू/67 में पारित आदेश व सोसाइटी के बायलॉज के उल्लंघन और झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 453 के तहत यह आदेश दिया है कि अशोक नगर सोसाइटी के किसी भी प्लॉट या परिसर में ट्रेड लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाए।

फिर भी सोसाइटी के प्लॉट पर व्यवसायिक/वाणिज्यिक उपयोग किया जा रहा है, जो रांची के मास्टर प्लान के प्रावधान का उल्लंघन है। इस संबंध में सोसाइटी के सचिव ने आठ जुलाई को पत्र लिखकर सोसाइटी के किसी भी प्लॉट या परिसर पर ट्रेड लाइसेंस निर्गत नहीं करने का अनुरोध किया था। सर्विसेस हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड अशोक नगर, रजिस्ट्रेशन नंबर 20आर ऑफ 1960 को तत्कालीन बिहार सरकार हाउसिंग बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 63 के तहत 152.36 एकड़ भूमि तत्कालीन आवास विभाग द्वारा सोसाइटी को पूर्णतया आवासीय उपयोग के लिए हस्तांतरित किया गया था।

सोसाइटी के बायलॉज की कंडिका 30 में भी यह प्रावधान है कि सोसाइटीकी जमीन इसके सदस्यों को आवासीय उपयोग के लिए आवंटित किया जाए। इससे पूर्व 12 जुलाई को सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार ने वार्ड-43 स्थित अशोक नगर के चार व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी की थी। इस क्रम में व‌र्ल्ड वेजीटेबल सेंटर को सील किया गया था। ट्रेड लाइसेंस से संबंधित जांच के क्रम में मेसर्स जेमिटी से 4,760 रुपये व 25,000 जुर्माना वसूला गया था। मेसर्स चाइल्ड फंड से ट्रेड लाइसेंस के तहत 4,820 रुपये व 25,000 रुपये जुर्माना और मेसर्स आइलैंड पावर लिमिटेड से ट्रेड लाइसेंस के तहत 2610 रुपये व 25,000 रुपये जुर्माना वसूला गया था। इस प्रकार इन तीन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कुल 87,190 रुपये जुर्माना वसूले गए थे।

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