ईसाई धर्म छोड़ कर सरना धर्म में लौटी आद‍िवासी मां और बेटी, इस तरह से दोनों की हुई घर वापसी

Ranchi News ओरमांझी क्षेत्र के सुदरवर्ती गांव गगारी में बुधवार को मां-बेटी ईसाई धर्म छोड़ वापस सरना धर्म में लौटी। पाहन ने विधिवत पूजा-अर्चना कर सरना में दोनों की वापसी कराई। मां-बेटी ने कहा कि वे दूसरों की बातों में आकर भ्रमित हो गई थीं।

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 04:00 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 04:00 PM (IST)
ईसाई धर्म छोड़ कर सरना धर्म में लौटी आद‍िवासी मां और बेटी, इस तरह से दोनों की हुई घर वापसी
इसाई धर्म स्वीकार करने वाली मां बेटी की हुई घर वापसी, पूरे विधि-विधान से कराया गया शामिल

रांची/ लोहरदगा, जागरण संवाददाता। रांची के ओरमांझी और लोहरदगा के सलगी में गुरुवार को दो मतांतरित परिवार ईसाई धर्म छोड़कर वापस अपने धर्म में लौटे। हिंदू संगठनों ने इन परिवारों का वापस अपने धर्म में लौटने पर स्वागत किया।

मां-बेटी की हुई घर वापसी

ओरमांझी क्षेत्र के सुदरवर्ती गांव गगारी में बुधवार को मां-बेटी ईसाई धर्म छोड़ वापस सरना धर्म में लौटी। पाहन ने विधिवत पूजा-अर्चना कर सरना में दोनों की वापसी कराई। अपने धर्म में वापस लौटने के बाद मां-बेटी ने कहा, कि वे दूसरों की बातों में आकर भ्रमित हो गई थीं। अब अपना धर्म छोड़ कर कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगी। 40 वर्षीय सलोमी देवी और उनकी बेटी नीतू कुमारी ने 2005 में सरना धर्म छोड़, ईसाई धर्म अपना लिया था। बुधवार को दोनों गांव के अखरा में आईं। उनके आने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। दोनों ने स्वेच्छा से अपने धर्म में वापसी की इच्छा जताई। कहा कि अब अपने सरना में ही जीवन व्यतीत करेंगी। इनके निर्णय का उपस्थित ग्रामीणों ने स्वागत किया। मुखिया सीता देवी, ग्रामप्रधान बालेश्वर उरांव के साथ पाहन व अन्य ग्रामीणों ने विधिवत फूल-माला पहनाकर स्वागत किया।

पूजा कर आंगन में गाड़ा सरना झंडा

अपने धर्म में वापसी करने के बाद दोनों मां-बेटी सलोमी देवी व नीतू कुमारी ने अपने घर के आंगन में पूजा-अर्चना कर सरना झंडा गाड़े और कहा अब से सरना धर्म अनुरूप अपने जीवन व्यतीत करेंगे। दोनों ने ग्रामीणों से सहयोग करने की अपील भी की है।

सनातन धर्म में घर वापसी पर स्वागत

उधर विश्व हिंदू परिषद एवं सरना सनातन विकास समिति के संयुक्त प्रयास से लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड के बड़की चांपी क्षेत्र के सलगी गांव में एक मतांतरित परिवार ने ईसाई धर्म को त्याग कर फिर से हिंदू धर्म में घर वापसी की। गांववालों ने सनातन धर्म अपनाने वाले सूरज बैठा का माला पहनाकर स्वागत किया गया। सूरज बैठा ने कहा कि बहकावे में आकर उसने ईसाई धर्म अपना लिया था। उसने ग्रामीणों की उपस्थिति में पुन: सनातन धर्म का वरण किया।

बहला-फुसलाकर बनाया था इसाई-सतीश पांडेय

इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार प्रभारी सतीश पांडेय ने कहा कि बहला फुसलाकर व प्रलोभन देकर मतांतरण करवाना घोर पाप है। सरना सनातन समाज को संगठित करना व एक साथ मिलकर सुख दुख में साथ देने के लिए सदैव तत्पर रहना है। किसी भी गलत लोगों के बहकावे में नही आना है।

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