झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, शोर-शराबे के बीच पढ़ा गया शोक संदेश; सदन के बाहर विधायकों का प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन इस साल कोरोना से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि के साथ सदन की कार्यवाही समाप्त की गई। लेकिन इससे पहले सदन में शोक संदेश पढ़ने के दौरान जमकर शोर-शराबा हुआ।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 11:17 AM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 01:22 PM (IST)
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, शोर-शराबे के बीच पढ़ा गया शोक संदेश; सदन के बाहर विधायकों का प्रदर्शन
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन इस साल कोरोना से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि के साथ सदन की कार्यवाही समाप्त की गई। लेकिन इससे पहले सदन में शोक संदेश पढ़ने के दौरान जमकर शोर-शराबा हुआ। दरअसल, जब विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो शोक संदेश पढ़ रहे थे। इसी दौरान भाजपा विधायक भानू प्रताप अपनी सीट से उठकर बोलने लगे। उन्होंने कहा कि पहले नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर चर्चा की जाय। इसके बाद शोक संदेश पढ़ा जाय। इसके बाद उनके समर्थन में विरंची नारायण सहित कई अन्य भाजपा विधायक भी आ गए। और शोर-शराबा करने लगे। पूर्व की तरह बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर भी नारे लगाए। यही नहीं पहले दिन सदन की कार्यवाही समाप्ति की घोषणा के बाद सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया।

इधर, सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि विपक्ष ने शोक प्रस्ताव के वक्त जो आचरण किया। वह सदन की गरिमा के विरुद्ध है। हमलोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देंगे। मेडिकल प्रोटेक्शन अधिनियम प्रक्रियाधीन है। जो भी जनता के हित मे होगा वही आयेगा। खामियां दूर होंगी।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सत्ता पक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सदन में जिस तरह शोक प्रस्ताव पढा गया वह कहीं से भी उचित नहीं था। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड विकास मोर्चा को अध्यक्ष महोदय ने मिस्र की पिरामिड की तरह जिंदा रखा हुआ है। डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को भाजपा कुछ नहीं देने वाली है। उन्हें मेरा सुझाव है कि वह तीसरा मोर्चा खोल लें। बाबूलाल मरांडी को भी कहीं ना कहीं लग रहा है कि वह भाजपा में आकर फंस गए हैं। इरफान अंसारी ने कहा कि सदन में श्रद्धांजलि के वक्त विपक्ष ने खासकर भानु प्रताप शाही ने जिस तरह से व्यवधान करने की कोशिश की वह कहीं से भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है। यह सदन की गरिमा के खिलाफ है। इसलिए मैं कहता हूं कि राजनीति में मेरी तरह पढ़े लिखे लोगों को आना चाहिए। उन्होंने भानु प्रताप शाही को बातों-बातों में अनपढ़ कह डाला।

विधायक सुदेश कुमार महतो ने कहा कि शोक प्रस्तावना के दौरान भानु प्रताप शाही ने नेता प्रतिपक्ष का मुद्दा रखने का जो समय चुना वह गलत था। शोक प्रस्तावना सदन की गरिमा व परंपरा है। भानु प्रताप शाही को अपनी बात ही रखनी थी तो वह विधानसभा अध्यक्ष समय ले सकते थे। उन्होंने उचित नहीं किया।

बता दें कि पहले दिन इस साल कोरोना सहित अन्य कारणों से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान विस अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरने सहित सभी विधायकों ने एक-एक कर शोक संदेश पढ़कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अप्रैल, मई, जून में कोरोना ने राज्य के कई स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टर्स, पत्रकार और पुलिसकर्मियों को हमसे छीन लिया। इसके बावजूद न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने ऐसे मृतकों के आश्रित को कोई मुआवजा दिया। ऐसे मृतकों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके आश्रित को मुआवजा मिलेगा। विधायक सरयू राय ने भी विनोद सिंह की बात को दुहराया। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया और विधानसभा की कार्यवाही समाप्त कर दी गयी। अब सोमवार से सत्र चलेगा।

बता दें विस अध्यक्ष ने सत्र से पहले अपने संबोधन में कोरोना महामारी की विभीषिका को याद किया और टोक्यो ओलिंपिक में भारत के प्रदर्शन, खासकर झारखंड की बेटियों के प्रदर्शन की सराहना की। इसके बाद उन्होंने सभी सदस्यों से सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने की अपील की। विस अध्यक्ष के संबोधन के बाद राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक, झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक, झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक, झारखंड मोटर वाहन करारोपण संशोधन विधेयक सभापटल पर रखा गया।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शोक प्रस्ताव पढ़ा। इस प्रस्ताव में देश के उन विभूतियों को याद किया। जिनका इस वर्ष निधन हो गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, विधायक विरंची नारायण, विधायक प्रदीप यादव सहित सभी विधायकों ने एक-एक कर शोक संदेश पढ़ा। सभी ने इस वर्ष किसी न किसी वजह से जान गंवाने वालों को याद किया।

किस दिन क्या होगा 

दिनांक कार्यवाही 

3 सितंबर : मानसून सत्र का पहला दिन

6 सितंबर : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, अनुपूरक बजट

7 सितंबर : प्रश्नकाल, अनुपूरक बजट पर चर्चा

8 सितंबर : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य

9 सितंबर : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य, गैर सरकारी संकल्प

स्पीकर ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिए निर्देश

स्पीकर ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह को विधानसभा सदस्यों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति को लेकर दिशा निर्देश दिए। अध्यक्ष ने कहा कि चिकित्सा परिषद की बैठक झारखंड विधानसभा की समिति कक्ष में हो ताकि विभिन्न मामलों का निपटारा समय पर हो सके। अन्य उच्च स्तरीय अस्पताल को भी सूची में शामिल किया जाए जो वर्तमान में शामिल नहीं है।

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