कैसे हो अगलगी पर काबू, दो साल से सरेंडर हो रहा पैसा

रांची दिलीप कुमार राज्य में अग्निशमन उपकरण की बहुत जरूरत है। यह सोचने वाली बात है कि अगलगी पर कैसे काबू पाया जाए जब दो साल के भीतर अग्निशमन उपकरण के लिए आवंटित करोड़ों रुपये सरकार को वापस हो गए और एक उपकरण तक नहीं खरीदा जा सका।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 09:00 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 09:00 PM (IST)
कैसे हो अगलगी पर काबू, दो साल से सरेंडर हो रहा पैसा
कैसे हो अगलगी पर काबू, दो साल से सरेंडर हो रहा पैसा

रांची, दिलीप कुमार : रांची के अपर बाजार की संकरी गलियों में पिछले दिनों कपड़े की एक दुकान व गोदाम में आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की छोटी गाड़ी को पहुंचने भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। अगर मिनी वाटर मिस्ट फायर फाइटिग मोटरसाइकिल होती, तो आग को बढ़ने से रोकने में बहुत हद तक सफलता मिल जाती और नुकसान भी कम होता। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और जब तक फायर फाइटिग शुरू हुई, तब तक पूरी दुकान जलकर खाक हो गई।

इसी तरह, रांची के गोपाल कांप्लेक्स में स्कूल ड्रेस की दुकान में आग लगने से ऊपर के तल्ले में रहने वाले लोगों को रेस्क्यू करने में हाइड्रोलिक प्लेटफार्म बहुत काम आया। गनीमत थी कि आग की लपटें तेज नहीं थी, नहीं तो एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से रेस्क्यू मुश्किल हो जाता। ये चंद उदाहरण हैं, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि राज्य में अग्निशमन उपकरण की कितनी जरूरत है। यह सोचने वाली बात है कि अगलगी पर कैसे काबू पाया जाए, जब दो साल के भीतर अग्निशमन उपकरण के लिए आवंटित करोड़ों रुपये सरकार को वापस हो गए और एक उपकरण तक नहीं खरीदा जा सका।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सरकार का निर्देश नहीं मिलने से अब तक राशि की मांग ही नहीं की गई। रांची, जमशेदपुर व धनबाद के लिए तीन हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, 24 मिनी वाटर मिस्ट फायर फाइटिग मोटरसाइकिल खरीदने का प्रस्ताव है। राज्य में खस्ताहाल फायर टेंडर के भरोसे अग्निशमन विभाग का काम चल रहा है। अधिकतर फायर टेंडर अपना 15 साल का निर्धारित समय पूरा कर चुके हैं। अब किसी तरह आग बुझाने के उपयोग में लाए जा रहे हैं।

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कब-कब कितनी राशि की गई थी आवंटित :

- वित्तीय वर्ष 2018-19 : रांची के लिए 55 मीटर ऊंचाई वाले एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म व जमशेदपुर तथा धनबाद के लिए 42 मीटर ऊंचाई वाले दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म तथा छह फायर फाइटिग मोटरसाइकिल खरीदने के लिए कुल 29 करोड़, 59 लाख 25 हजार 826 रुपये की स्वीकृति दी गई थी। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक निविदा पूरी नहीं होने से संबंधित राशि सरकार को वापस हो गई।

- वित्तीय वर्ष 2019-20 : तब रांची व जमशेदपुर के लिए 55 मीटर ऊंचाई वाले दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, 24 मिनी वाटर मिस्ट फायर फाइटिग मोटरसाइकिल, तीन वाटर टेंडर व बहुमंजिली इमारतों में आग लगने पर बचाव के लिए जंपिग नेट खरीदने का प्रस्ताव था। इसके लिए सरकार ने 25 करोड़, 36 लाख 24 हजार रुपये स्वीकृत किया था। उस वक्त तीन वाटर टेंडर फायर इंजिन का फेब्रिकेशन कार्य हुआ, जिसपर कुल एक करोड़ 86 लाख 24 हजार रुपये खर्च हुए और शेष 23 करोड़ 50 हजार रुपये सरकार को वापस हो गए।

- वित्तीय वर्ष 2020-21 : कोविड-19 महामारी के चलते योजना राशि की मांग के लिए सरकार के स्तर पर निर्देश नहीं मिलने से उक्त राशि की मांग नहीं की जा सकी। एक बार फिर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

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वर्तमान में हैं करीब 165 फायर टेंडर :

राज्य में वर्तमान में करीब 165 फायर टेंडर हैं। इनमें सिर्फ एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है, जो रांची में है। वहीं, करीब 20 ही मिनी वाटर टेंडर हैं, जिसका उपयोग तंग गलियों में आग लगने पर किया जाता है। अन्य बड़े वाटर टेंडर हैं, जिसमें अधिकतर अपनी 15 साल की पूरी उम्र काट चुके हैं और जर्जर हो चुके हैं।

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