Migrant Workers Back to Home: लॉकडाउन में बाहर से लौटे प्रवासियों ने बदल दी गांव की तस्वीर

बुनियादी सुविधाओं से महरूम रहे हजारीबाग के जरवा व जावाबारी में श्रमदान से सड़क बना रहे प्रवासी मजदूरों को काम के बदले एकता परिषद अनाज दे रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 13 Jun 2020 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jun 2020 06:45 AM (IST)
Migrant Workers Back to Home: लॉकडाउन में बाहर से लौटे प्रवासियों ने बदल दी गांव की तस्वीर
Migrant Workers Back to Home: लॉकडाउन में बाहर से लौटे प्रवासियों ने बदल दी गांव की तस्वीर

विष्णुगढ़ (हजारीबाग), जेएनएन। बुनियादी सुविधाओं का दंश झेल रहे हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड का जरवा व जावाबारी गांव के दिन बहुरने वाले हैं। बाहर के प्रदेशों से अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूरों ने दोनों गांवों के कायाकल्प का बीड़ा उठाया है। गांव की तस्वीर बदलने की पहली कड़ी में मजदूरों ने जंगल, पहाड़, नदी-नालों से होकर गुजरने वाली दो किलोमीटर लंबी पगडंडीनुमा बसरिया टिला-जरवा एवं जावाबारी सड़क को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया है।

मजदूरों के इस जज्बे को देखते हुए गैर सरकारी संस्था एकता परिषद ने जहां मजदूरों को काम के बदले अनाज देने की घोषणा की है, वहीं प्रखंड प्रशासन से उन्हें यथासंभव सरकारी मदद दिए जाने का आश्वासन मिला है। ग्रामीणों के अनुसार बेड़म से बसरिया टिला तक का मार्ग कुछ हदतक ठीक है। इससे इतर बसरिया टिला से जरवा एवं जावाबारी तक का मार्ग पगडंडीनुमा है।

जब संबंधित गांव के ग्रामीण अपने गांव लौटे, गांव की तस्वीर बदलने का संकल्प लिया। खरना पंचायत का आदिवासी बहुल इन गांवों की आबादी 500 के करीब है। एकता परिषद के जिला संयोजक चुनूलाल सोरेन के अनुसार श्रमिकों के श्रमदान से शुक्रवार से सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। सड़क निर्माण के बाद गांव में अन्य सुविधाएं बहाल करने पर फोकस किया जाएगा।

इधर विष्णुगढ़ के बीडीओ संजय कुमार कोनगाड़ी भी ग्रामीणों का श्रमदान देखने पहुंचे और उनके बीच मास्क आदि का वितरण किया। उन्होंने दोनों गांव का सर्वे कराकर वहां अन्य सुविधाएं बहाल किए जाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।

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