मधुकोड़ा के सांसद निधि की 23 योजनाओं में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि

रांची : सिंहभूम के तत्कालीन सांसद मधु कोड़ा के सांसद निधि से विकास मद से 23 योजनाओं में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 08:17 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 08:17 AM (IST)
मधुकोड़ा के सांसद निधि की 23 योजनाओं में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि
मधुकोड़ा के सांसद निधि की 23 योजनाओं में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि

रांची : सिंहभूम के तत्कालीन सांसद मधु कोड़ा के सांसद निधि से विकास मद से 23 योजनाओं में दी गई राशि में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई है। पूरा मामला वित्तीय वर्ष 2012-13 का है। इन योजनाओं के लिए सांसद ने विकास मद से झारखंड हिल एरिया लिफ्ट इरिगेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (झालको) को 2.75 करोड़ रुपये दी थी।

लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय के आदेश पर पूरे मामले की जांच करवाई गई। जांच पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम के निदेशक ने की। जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट के बाद लोकायुक्त ने पाया है कि सांसद कोष से 23 योजनाओं में बिना कार्य किए तथा अपूर्ण कार्य दिखाकर राशि के निकासी का आरोप सत्य साबित हुआ है। उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव को आदेश दिया है कि झालको के अवर क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद राय, कनीय अभियंता सुधीर कुमार दुबे के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करें। यदि राशि के गबन का मामला बनता है तो प्राथमिकी दर्ज करें और छह सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई से अवगत कराएं।

इनपर की गई है कार्रवाई की अनुशंसा

-राजेंद्र प्रसाद राय : अवर क्षेत्रीय प्रबंधक, झालको, चाईबासा।

-सुधीर कुमार दुबे : कनीय अभियंता, अवर क्षेत्रीय कार्यालय, झालको, चाईबासा।

2015 में लोकायुक्त के यहां की गई थी शिकायत

चाईबासा के मनीष कमल ने लोकायुक्त कार्यालय में 02 नवंबर 2015 को शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि झालको विभाग ने सांसद मधु कोड़ा के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2012-2013 में विकास मद के 2.75 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। कुल 23 योजनाओं के लिए राशि आवंटित की गई थी। कई योजनाओं में कार्य शुरू भी नहीं किया गया, कई योजनाओं में 40 फीसद तक कार्य कर सभी योजनाओं को पूरा दिखाया गया और राशि का बंदरबांट कर लिया गया। मनीष कमल ने सभी 23 योजनाओं की सूची भी लोकायुक्त को सौंपी थी।

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