जल्द खत्म होगी चिकित्सकों की कमी : खरे

रांची : स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए यह स्वीकार किया राज्य में डॉक्टरों की कमी है। इस कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Aug 2018 09:45 AM (IST) Updated:Thu, 09 Aug 2018 09:45 AM (IST)
जल्द खत्म होगी चिकित्सकों की कमी : खरे
जल्द खत्म होगी चिकित्सकों की कमी : खरे

रांची : स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए यह स्वीकार किया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या का जल्द हल निकल आएगा। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीटें कम होने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल आउटसोर्सिग के माध्यम से यह कमी दूर करेगी। रिम्स रांची तथा एमजीएम, जमशेदपुर में कैंपस सलेक्शन की तैयारी है। पीजी छात्रों को सरकार इसके लिए आफर करेगी। अगस्त अंत तक यह समस्या समाप्त हो जाने की उम्मीद है। हजारीबाग, पलामू और दुमका में दिसंबर तक मेडिकल कालेज शुरू हो जाएगा। इसी तरह देवघर में दो वर्षो के अंदर एम्स बनकर तैयार हो जाएगा। रिम्स में सीटों को बढ़ाकर 250 किए जाने की तैयारी है। मणिपाल और टीएमएच की भी जमशेदपुर में 150 सीटों के मेडिकल कालेज खोले जाने की तैयारी है।

इधर सेल ने बोकारो में मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ भूमि देने पर रजामंदी जताई है। इस तरह आने वाले दिनों में चिकित्सकों की कमी का स्थायी समाधान हो जाएगा।

1.38 करोड़ बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा

-स्वास्थ्य मंत्री आज राजधानी रांची के जिला स्कूल से करेंगे शुरूआत

-10 अगस्त को चलेगा अभियान, 17 को मॉप अप राउंड राज्य ब्यूरो, रांची : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस दिवस के मौके पर 10 अगस्त को राज्य के एक से 19 साल तक के 1.38 करोड़ बच्चों को कृमि नाशक दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। यह अभियान एक साथ राज्य के सभी स्कूलों (निजी व सरकारी) तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में चलेगा। अभियान से वंचित रह गए बच्चों के लिए 17 अगस्त को मॉप अप राउंड चलेगा। आंगनबाड़ी सेविकाएं, सहियाएं आदि डोर टू डोर भ्रमण कर ऐसे बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक देंगी। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी गुरुवार को राजधानी रांची स्थित जिला स्कूल से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। बुधवार को मीडिया से मुखातिब स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने यह जानकारी दी।

22 करोड़ से अधिक बच्चों को खतरा

प्रधान सचिव ने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि भारत में पांच से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है। इसकी वजह से बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने अभियान को सफल बनाने में आम जनता का सहयोग मांगा है। इस दौरान डा. अजीत कुमार ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस तरह कृमि बच्चों के शरीर में प्रवेश करता है तथा बच्चे उससे किस तरह प्रभावित होते हैं।

साइड इफेक्ट नहीं

अभियान की नोडल पदाधिकारी डा. वीणा सिन्हा ने स्पष्ट किया कि इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। अगर किसी बच्चे ने हाल ही में इसकी दवा ली है तो भी उसे खिलाने में कोई दिक्कत नहीं है। हां, अगर किसी बच्चे में कृमि का अधिक प्रकोप है तो दवा खाने के बाद उसे मिचली आ सकती है, पेट में हल्का दर्द हो सकता है, परंतु इससे घबराने की कतई जरूरत है। ऐसी स्थिति में उन्हें नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों से तत्काल संपर्क करना चाहिए।

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