High School Teacher JOBS: एक तरफ नौकरियों की बहार, दूसरी तरफ लंबा इंतजार
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए रिजल्ट के इंतजार में तीन विषयों के हजारों अभ्यर्थी बैठे हैं। बाकी सभी विषयों का परिणाम जारी हो चुका है।
रांची, राज्य ब्यूरो। एक तरफ हाई स्कूल शिक्षकों के पद पर नौकरियों की बरसात हो रही है, वहीं दूसरी तरफ तीन विषयों के हजारों विद्यार्थी रिजल्ट के इंतजार में बैठे हैं। ये अभ्यर्थी प्रतिदिन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का चक्कर लगा रहे हैं तथा रिजल्ट को लेकर आयोग की वेबसाइट खंगाल रहे हैं, इन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में सभी जिलों में अधिसंख्य विषयों का परिणाम जारी कर दिया है।
कई जिलों में चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी हो चुकी है, जबकि कई जिलों में जारी है। लेकिन तीन विषयों का अभी तक परिणाम ही जारी नहीं हुआ है। इनमें इतिहास एवं नागरिक शास्त्र, संगीत तथा संस्कृत शामिल हैं। कुछ जिलों में हिन्दी विषय का भी परिणाम जारी नहीं हुआ है। इतिहास एवं नागरिक शास्त्र विषय के संबंध में कहा जा रहा है कि प्राचीन इतिहास से स्नातक करनेवाले अभ्यर्थियोंं को परीक्षा में शामिल नहीं किए जाने से मामला झारखंड हाईकोर्ट चला गया है। इस कारण आयोग कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है।
गोड्डा और लातेहार छोड़कर किसी भी जिले में इस विषय का परिणाम नहीं आया है। आयोग ने इतिहास एवं नागरिक शास्त्र विषय के लिए इन विषयों से स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही योग्य माना था। इधर, हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में 15 जिलों का संस्कृत विषय का परिणाम लटका हुआ है। इनमें हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, रांची, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां तथा लोहरदगा जिले शामिल हैं।
संस्कृत विषय के अभ्यर्थियों के अनुसार, आयोग के पदाधिकारी बार-बार कह रहे हैं कि प्रमाणपत्रों को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं जो अभी तक नहीं मिला है। यह स्पष्ट होने के साथ ही परिणाम जारी कर दिया जाएगा। इसी तरह, संगीत की डिग्री में भी कुछ विवाद है।
दो साल से लटकी है हेडमास्टरों की नियुक्ति
झारखंड लोक सेवा आयोग में हाई स्कूल हेडमास्टरों के 668 पदों पर नियुक्ति लगभग दो साल से लटकी हुई है। आयोग ने जुलाई 2017 में ही इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद अभ्यर्थियों को कोई सूचना नहीं दी गई है। अभ्यर्थी परीक्षा के आयोजन को लेकर आयोग की वेबसाइट खंगालते रहते हैं कि परीक्षा को लेकर कोई नई सूचना मिल जाए। बताया जाता है कि आयोग ने कुछ बिंदू पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से जवाब मांगे हैं, जिसके लिए नियमावली में संशोधन करना पड़ सकता है।
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