कैसे चले नक्सलियों के खिलाफ अभियान, अफसरों की कमी झेल रही झारखंड पुलिस Jharkhand News
झारखंड पुलिस में एएसपी के 37 पद खाली हैं। इस पद पर सीनियर डीएसपी को भी पदस्थापित करने का प्रावधान है लेकिन राज्य में सीनियर डीएसपी नही...
रांची (दिलीप कुमार)। झारखंड पुलिस अफसरों की कमी से दो-चार है। राज्य के घोर नक्सल प्रभावित जिले चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, रांची के अलावा रामगढ़, कोडरमा, पाकुड़ व गोड्डा में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अभियान का पद रिक्त है। जबकि, नक्सलियों के चलते चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह व रांची अक्सर सुर्खियों में रहता है। राज्य में अब तक एएसपी अभियान के पद पर केंद्रीय बल के अधिकारी को तैनात किया जाता रहा है। कुछ जिलों में एएसपी अभियान के पद पर अब भी केंद्रीय बल के अधिकारी तैनात हैं। अब राज्य स्तर पर यह योजना बनी है कि राज्य के ही डीएसपी को सीनियर डीएसपी के पद पर प्रोमोशन देकर एएसपी ऑपरेशन बनाया जाए। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
झारखंड पुलिस में एएसपी के 37 पद अब भी रिक्त झारखंड पुलिस में एएसपी के 37 पद रिक्त हैं। इस पद पर सीनियर डीएसपी को भी पदस्थापित करने का प्रावधान है, लेकिन राज्य में सीनियर डीएसपी नहीं के बराबर हैं। सीनियर डीएसपी के लिए सामान्य डीएसपी में कम से कम पांच साल की नियमित सेवा होना अनिवार्य है। राज्य में 12 साल की सेवा पूरा करने वाले सात, 11 साल की सेवा पूरा करने वाले 35 डीएसपी सहित सात साल की नियमित सेवा पूरा करने वाले डीएसपी भी अब तक सीनियर डीएसपी नहीं बन पाए।
सेवानिवृत्त होते गए, रिक्त होता गया प्रोन्नत आइपीएस का पद, नहीं हुई प्रोन्नति
झारखंड में राज्य पुलिस सेवा से प्रोन्नत आईपीएस का कुल 45 पद है। 2016 के बाद अब तक किसी को आइपीएस में प्रोन्नति नहीं मिली। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 से अब तक राज्य पुलिस सेवा से आइपीएस में प्रोन्नत 24 अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए। इस साल के दिसंबर तक एक और अधिकारी भी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके स्थान पर नए डीएसपी को अब तक आइपीएस में प्रोन्नति नहीं मिल सकी। इसे लेकर पूर्व में भी कई बार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से राज्य सरकार को पत्राचार किया जा चुका है। एक बार फिर राज्य सरकार रेस है, ताकि डीएसपी को सीनियर डीएसपी व आइपीएस रैंक में प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो सके।