Jharkhand: पूर्व डिप्टी सीएम से 15 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में आईपी एड्रेस जानने के लिए Google से डाटा मंगा रही पुलिस
रंगदारी मांगने वाले शख्स ने सुदेश महतो को धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं मिले तो घर में घुसकर गोली मार देगा। घटना के 20 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
रांची (जागरण संवाददाता) । राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और सिल्ली विधायक सुदेश महतो से 15 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में आईपी एड्रेस के लिए पुलिस ने गूगल से डाटा मांगा है। गूगल की डाटा के आधार पर ही आईपी एड्रेस निकाली जा सकेगी। जिससे कॉल करने वालों का पता लगाया जा सकेगा। हालांकि गूगल से डाटा नहीं मिल पाने की वजह से घटना के 20 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। रंगदारी मांगने वालों में इंटरनेट स्पूफ कॉल के जरिए फोन किया था। जिस नंबर का इस्तेमाल किया गया था वह नंबर जमशेदपुर के युवक का था। जिसका मोबाइल गुम हो चुका था। गुमशुदगी से संबंधित सनहा भी दर्ज कराई थी।
रंगदारी मांगने वाले शख्स ने सुदेश महतो को धमकी दी है कि अगर पैसे नहीं मिले तो घर में घुसकर गोली मार देगा । इसे लेकर रांची के गोंदा थाना में सुदेश महतो की ओर से महेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने मामला दर्ज करवाया है। जिसमें कहा गया है कि 14 अगस्त की रात सुदेश महतो के नंबर पर दो बार फोन आया जिसमें उनसे रंगदारी नहीं देने पर घर में घुसकर गोली मारने की धमकी दी गई थी।
जमशेदपुर के युवक से की गई थी पूछताछ, पीआर बांड पर छोड़ा
धमकी के बाद सक्रिय हुई रांची पुलिस की टीम ने जमशेदपुर के एक युवक को हिरासत में लिया था। लेकिन युवक ने बताया कि जिस नंबर से धमकी दी गई है वह नंबर तो उसी का है लेकिन उसका मोबाइल 4 दिन पहले गुम हो गया था,जिसका सनहा भी उसने दर्ज करवाया था। पूछताछ के बाद पीआर बांड पर उस युवक को छोड़ दिया गया।
नंबर का लोकेशन मिला था जमशेदपुर :
धमकी देने के लिए जिस नम्बर का इस्तेमाल किया गया था उसका लोकेशन खंगाला गया। लोकेशन के आधार पर रांची पुलिस ने जमशेदपुर में छापेमारी कर संबंधित मोबाइल धारक को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए मोबाइल धारक से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका मोबाइल गूम हो चुका है। हालांकि स्पूफ कॉल के जरिए उसी नम्बर का इस्तेमाल किया गया है। गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर कोरोना संक्रमण से ठीक होकर फिलहाल कोरेन्टीन में है। इस वजह से पूरे मामले की तफ्तीश खुद सदर डीएसपी दीपक पांडेय कर रहे हैं। जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि दोनों नंबरों से कॉल करने वाले जमशेदपुर के युवक का ही है।
ऐसे होती है स्पूफ कॉलिंग
प्ले स्टोर से स्पूफ कॉल संबंधित एप डाउनलोड किया है। इस एप को मोबाइल में इंस्टाल करना होता है।
वास्तविक नाम और मोबाइल नंबर छिपाकर अन्य किसी व्यक्ति का नाम और नंबर यहां अपलोड कर सकते हैं।
इसमें आवाज बदलने के साथ ही कई तरह के फीचर आ रहे हैं। स्पूफ कॉलर जब किसी को फोन लगाएगा तो उस व्यक्ति के फोन पर अपलोड किया नाम और फोन नंबर दिखेगा। इससे टारगेट पर लिया व्यक्ति पूरे समय कन्फ्यूज रहेगा। जब वह उक्त नंबर डॉयल करेगा तो वास्तविक यूजर को फोन लगेगा, जिसका कोई लेना-देना नहीं है।