Jharkhand News: रात में भी धरना पर क्यों जमी रहीं कोडरमा की सैकड़ों महिलाएं, जानिए...
Jharkhand News झारखंड के कोडरमा जिला में 28 फरवरी से ही ढिबरा चुननेवालों का धरना लगातार जारी हैं। अपने मांग को लेकर सैकड़ों महिलाएं रात में भी धरना पर जमी रहीं। साथ ही पुरुष मजदूर ढोल मजीरा के साथ रात में अपना समय काटते हैं।
कोडरमा, जासं। Jharkhand News झारखंड के कोडरमा जिला मुख्यालय के समक्ष ढिबरा (माइका स्क्रैप) चुननेवालों का अनिश्चितकालीन धरना 28 फरवरी से लगातार जारी हैं। माइका स्क्रैप मजदूर संघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में ढिबरा मजदूर दिन-रात धरना स्थल पर जमे हैं। मजदूरों की मांग हैं कि जब तक ढिबरा उत्खनन पर कोई ठोस पॉलिसी नहीं बनती हैं तब तक इन ढिबरा मजदूरों को जंगल से ढिबरा चुनने और बंद खदानों से ढिबरा निकालने में राहत दिया जाए। इधर माइका के अवैध खनन और अवैध परिवहन के खिलाफ जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई रही हैं। जिसके कारण जंगल मे रहने वाले लोगों पर रोजी रोटी की आफत आ पड़ी हैं। प्रशासन के सघन अभियान से परेशान ढिबरा मजदूर सरकार से रोजगार मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं।
धरना पर जमी रहीं सैकड़ों महिलाएं।
रोजगार साधन को बंद करने की कोशिश कर रही है सरकार
मजदूरों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके रोजगार के एकमात्र साधन को बंद करने की कोशिश कर रही है। लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी कोस रहे थे। लोगों का कहना है कि इलाके में माइका से हजारों परिवार जुड़ा है। लेकिन जनप्रतिनिधि चुनाव के समय माइका को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, बाद में सब भूल जाते हैं। हाल के दिनों में जिला प्रशासन ने ढिबरा को लेकर जो सख्ती बरती हैं, उसका सीधा असर इन ढिबरा मजदूरों पर देखने को मिल रहा हैं।
सारे माइका खदान हो चुके हैं बन्द
संघ के अध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने बताया कि वर्षो पहले यहां माइका खदानों का लीज था और उस समय यहां से बड़े पैमाने पर माइका का उत्पादन हुआ करता था। लेकिन, आज सारे माइका खदान बन्द हो चुके हैं। उन्हीं माइका खदानों के बाहर माइका का स्क्रैप चुन कर ढिबरा मजदूर अपना जीवन-यापन करते हैं। लेकिन लगातार प्रशासन की कार्रवाई से उनका रोजगार छिन रहा है।
मजदूरों पर झूठा मुकदमा कर भेज रही हैं जेल
वहीं ढिबरा मजदूरों ने बताया कि कोडरमा पुलिस बेवजह उन्हें परेशान कर रही हैं और ढिबरा मजदूरों पर झूठा मुकदमा कर उन्हें जेल भेज रही हैं। ढिबरा मजदूर लगातार 28 फरवरी से दिन रात धरना पर बैठे हैं। इसमें सैकड़ों महिलाएं अपने बच्चों के साथ बैठी हैं। लेकिन सरकार या जिला प्रशासन का कोई नुमाईंदा उनकी सुध लेने पहुंचा है। मजदूरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नही मानी जायेगी उनका आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। रात में भी सैकड़ो महिला पुरुष धरना स्थल पर जमे रहेंगे। सभी लोग यहीं खाते हैं और रात में यहीं सो जाते हैं। रात में मनोरंजन के लिए महिलाएं जहां गीत गाकर एकजुटता का परिचय देती है, वही पुरुष मजदूर ढोल मजीरा के साथ रात में अपना समय काटते हैं।
ढोल मजीरा के साथ मजदूर