रिम्‍स की लचर व्‍यवस्‍था पर हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार से पूछा- निजी प्रैक्टिस पर क्‍यों नहीं लगी रोक Ranchi News

झारखंड उच्‍च न्‍यायालय रिम्‍स में निजी प्रैक्टिस को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत बताते हुए बड़े पैमाने पर जनहित से जुड़े इस मामले की जनहित याचिका की तरह सुनवाई कर रही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 11:06 AM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 08:10 PM (IST)
रिम्‍स की लचर व्‍यवस्‍था पर हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार से पूछा- निजी प्रैक्टिस पर क्‍यों नहीं लगी रोक Ranchi News
रिम्‍स की लचर व्‍यवस्‍था पर हाई कोर्ट सख्‍त, सरकार से पूछा- निजी प्रैक्टिस पर क्‍यों नहीं लगी रोक Ranchi News

रांची, जेएनएन। Jharkhand High Court - झारखंड हाई कोर्ट ने रिम्स (RIMS) की लचर व्यवस्था के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब पर नाराजगी जताई। जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अभी तक निजी प्रैक्टिस पर रोक को लेकर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है और रिक्त पदों पर नियुक्ति भी नहीं की जा रही है। अदालत ने कहा कि जब रिम्स को तीन सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का वार्षिक बजट मिलता है, तो वहां कि व्यवस्था इतनी लचर क्यों है?

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि पीएजी द्वारा रिम्स के बजट का ऑडिट कराने और मामले में अनियमितता पाए जाने पर सीबीआइ से जांच कराई जा सकती है। महाधिवक्ता अजीत कुमार के आग्र्रह पर अदालत ने मामले में अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि रिम्स एक्ट-2002 बनने के बाद स्वायतशासी संस्था बन गई है। इसके बाद से रिम्स की व्यवस्था में सरकार की कोई अहम भूमिका नहीं है।

इसलिए इस मामले से सरकार को हटा दिया जाए। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को बुलाने को कहा। इस बीच महाधिवक्ता अजीत कुमार अदालत पहुंचे और उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि वो स्वास्थ्य सचिव व रिम्स निदेशक से सुविधाओं को लेकर चर्चा करेंगे और रिम्स की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। उनकी ओर से इसके लिए समय देने का आग्र्रह किया गया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। बता दें कि शनिचर उरांव की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है जिसमें रिम्स की हालात में सुधार करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है।

महाधिवक्ता ने स्वास्थ्य सचिव को लिखा पत्र

अदालत के आदेश के आलोक में महाधिवक्ता अजीत कुमार ने स्वास्थ्य सचिव, रिम्स निदेशक और चेयरमैन शासी परिषद को पत्र लिखा है। उन्होंने इस मामले में 18 अक्टूबर को अपने कार्यालय में बैठक करने की बात कही है, जिसमें स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक को शामिल होने का आग्र्रह किया है। ताकि रिम्स के हालात में सुधार के लिए उपायों पर चर्चा की जा सके।

यह भी पढ़ें : 309 करोड़ खर्च के बाद भी RIMS बदहाल, हाई कोर्ट ने कहा- क्यों न एजी से कराई जाए जांच

chat bot
आपका साथी