Sarkari Job: नौकरियों के वादे पूरा करने में जुटी सरकार, हर तरफ सक्रियता से युवाओं में जगी नई आशा

Jharkhand Government Jobs राज्य सरकार निजी क्षेत्र में भी 75 फीसद पद स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। हर स्तर पर दिख रही सक्रियता से युवाओं में नई आशा जगी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 11:49 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 08:33 PM (IST)
Sarkari Job: नौकरियों के वादे पूरा करने में जुटी सरकार, हर तरफ सक्रियता से युवाओं में जगी नई आशा
बड़े पैमाने पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में झारखंड लोक सेवा आयोग। फाइल

रांची, प्रदीप शुक्ला। Jharkhand Government Jobs यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही झारखंड में युवाओं के लिए नौकरियों की बहार आने वाली है। राज्य सरकार इसके लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है। कोविड के चलते पिछले एक वर्ष में इस दिशा में बेशक बहुत कुछ नहीं हो सका है, लेकिन अब जिस तेजी से सरकार निर्णय ले रही है, उससे अगले कुछ महीनों में कई हजार भíतयों के रास्ते खुलते नजर आ रहे हैं। नई सरकार के गठबंधन दलों का सबसे बड़ा चुनावी वादा भी यही था। इसके साथ ही पारा शिक्षकों, अनुबंध के आधार पर विभिन्न विभागों में नौकरियां कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को भी नियमित करने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। सरकार पूर्व में विभिन्न न्यायालयों में नौकरियों से संबंधित चल रहे तमाम लंबित मामलों के निस्तारण की दिशा में भी गंभीरता से प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार की वर्षगांठ पर घोषणा की थी कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लंबे समय से रिक्त पदों को अभियान चलाकर भरा जाएगा। इतना ही नहीं, लंबे समय से अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी पक्की नौकरी की सौगात मिलेगी। पारा शिक्षक भी उन्हीं में हैं। पिछले कुछ महीनों से वह आंदोलित हैं। वह विधायकों और मंत्रियों के आवास घेर चुके हैं। उन्हें लगातार आश्वासन मिल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार ने नियमावली बना ली है और अब इसे कैबिनेट में रखा जाना है। इसमें विलंब का कारण शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का स्वास्थ्य खराब होना भी है। चेन्नई में उनके फेफड़ों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया जा चुका है और अब वह स्वस्थ होकर जल्द ही झारखंड लौटने वाले हैं। वह कामकाज कब संभालेंगे, इस बाबत अभी कह पाना शायद संभव नहीं है, लेकिन शिक्षा महकमा फिलहाल मुख्यमंत्री के पास ही है और वह जिस तेजी से निर्णय ले रहे हैं उससे यह उम्मीद की जा सकती है कि 65 हजार पारा शिक्षकों को भी जल्द खुशखबरी मिल सकती है।

पांच साल बाद झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से नियुक्ति परीक्षा का आयोजन कराने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ी है। रिक्तियों से संबंधित सूचनाएं विभिन्न स्तर से होते हुए काíमक विभाग और यहां से झारखंड लोक सेवा आयोग तक पहुंच गई है। काíमक विभाग ने 250 से अधिक अफसरों के लिए परीक्षा आयोजित कराने के लिए जेपीएससी को पत्र भी लिखा है। इसके अलावा नगर विकास विभाग, पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। तमाम सरकारी विभागों में रिक्तियों की जानकारी ली जा रही है। झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से परीक्षा के आयोजन की पूरी तैयारी की जा रही है। झारखंड उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक में चल रहे मुकदमों और पूर्व के मामलों से सीख लेते हुए ऐसी नियमावली बनाई जा रही है, जिससे रोजगार मुहैया कराने में कोई अड़चन पैदा न हो। नियमावली बन गई है और कैबिनेट ने इसे स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। झारखंड लोक सेवा आयोग कुछ दिनों के अंदर अफसरों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाल सकता है।

इसके बाद दूसरे दर्जे की नौकरियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भी बहाली प्रक्रिया शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। तमाम स्कूलों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर बहाली के लिए प्रारंभिक तैयारी शुरू हो चुकी है और रिक्तियों को लेकर जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग से परीक्षा के लिए पत्रचार किया जा सकता है, लेकिन परीक्षा पूर्व बाधाओं को भी दूर कर लेना होगा। पहली और सबसे अहम बाधा आरक्षण को लेकर है। उच्च न्यायालय ने राज्य की नियोजन नीति को खारिज कर दिया है, जिसके बाद इसमें संशोधन करना अनिवार्य हो गया है। अधिसूचित क्षेत्रों में शत-प्रतिशत आरक्षण पर भी आपत्ति की गई है। इसके अलावा पूर्व में दर्ज कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में फैसला आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। राज्य सरकार इसके लिए भी उपाय तलाश रही है। इस मामले में कमेटी बनाकर सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। 

[स्थानीय संपादक, झारखंड]

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