सौभाग्य, उजाला और उज्ज्वला की चुनौतियां स्वीकारें डीसी

रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में सौभाग्य, उजाला और उज्ज्वला योजना की राह में आने वाली हर चुनौतियों को स्वीकारने तथा इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का टास्क अफसरों को सौंपा है। साथ ही आदिवासी जनोत्थान कार्यक्रम के तहत आदिवासी बहुल इलाकों पर खास फोकस करने को कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Jul 2018 10:21 PM (IST) Updated:Sat, 28 Jul 2018 10:21 PM (IST)
सौभाग्य, उजाला और उज्ज्वला की चुनौतियां स्वीकारें डीसी
सौभाग्य, उजाला और उज्ज्वला की चुनौतियां स्वीकारें डीसी

रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने राज्य के 19 आकांक्षी जिलों में सौभाग्य, उजाला और उज्ज्वला योजना की राह में आने वाली हर चुनौतियों को स्वीकारने तथा इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का टास्क अफसरों को सौंपा है। साथ ही आदिवासी जनोत्थान कार्यक्रम के तहत आदिवासी बहुल इलाकों पर खास फोकस करने को कहा है।

विकास आयुक्त डीके तिवारी ने इस दौरान सौभाग्य योजना की धीमी प्रगति पर चिंता जताई। इस पर मुख्य सचिव ने हर शाम बीडीओ से प्रगति की रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया। इस बीच उपायुक्तों ने योजनाओं की धीमी प्रगति के कई कारण गिना दिए। इनमें मैन पावर की कमी, कार्यकारी एजेंसियों के कार्यस्थल पर रात में नहीं रुकने, मैटेरियल की कमी, ट्रांसपोर्टिग की दिक्कतें आदि थीं। मुख्य सचिव शनिवार को आकांक्षी जिलों में संचालित फ्लैगशिप समेत अन्य योजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने उजाला योजना के लक्ष्य से दूर होने की मूल वजह बल्ब की आपूर्ति की दिक्कत बताई, साथ ही एक सप्ताह के अंदर समस्या को दूर करने का दावा किया। खाद्य आपूर्ति सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने उपायुक्तों को केवाइसी का काम जल्द से जल्द पूरा कर उज्ज्वला योजना का लाभ लाभुकों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने कहा कि रामगढ़, लोहरदगा और खूंटी की उपलब्धि इस मामले में 90 फीसद रही है। उन्होंने उपायुक्तों को अयोग्य राशनकार्डधारियों की पहचान कर उनका कार्ड निरस्त करने तथा योग्य लाभुकों के जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही लंबे समय से राशन नहीं लेने वाले, डुप्लीकेट आधार के जरिए फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों को सत्यापित करने को कहा।

मिशन इंद्रधनुष का हवाला देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जहां पूर्व में यह योजना संचालित हो चुकी है, वहां फिर से दौरा कर यह सुनिश्चित करें कि कोई छूटा तो नहीं। विकास आयुक्त ने इस बीच 15 अगस्त से हर जिले में खुलने वाले अवेयरनेस सेंटर की स्थिति की जानकारी ली तथा इसका फोकस एनीमिया और डायरिया पर करने की सलाह दी।

इसके साथ ही इज ऑफ लिविंग के तहत नागरिकों को कैसे सहजता के साथ शासन-प्रशासन से जोड़ा जाए, उपायुक्तों के फोकस करने को कहा। मुख्य सचिव ने इस मामले में सिटीजन चार्टर जैसी संस्थाओं का सहयोग लेने को कहा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने आकांक्षी जिलों में 15 जुलाई तक किताबें बांट दिए जाने का दावा किया।

पेयजल एवं स्वच्छता सचिव आराधना पटनायक ने कहा कि राज्य के 11 जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। कृषि सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि बारिश की अनियमितता को देखते हुए वैकल्पिक खेती की तैयारियों पर फोकस किया जा रहा है।

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झारखंड की राह चला बिहार, उज्ज्वला जाति प्रमाण की चर्चा पूरे देश में :

उज्ज्वला योजना का जिक्र चलने पर मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के लिए जाति प्रमाणपत्र बनाने के झारखंड मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। बिहार ने भी इस मॉडल को अंगीकृत किया है। बताते चलें कि इस योजना के लिए कैंप लगाकर ऑफलाइन पद्धति से जाति प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं, जिसे गैस का कनेक्शन देते समय ले लिया जाता है, ताकि उसका दुरुपयोग न हो।

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सालाना खर्च 60 करोड़, 31 विद्यालयों में 20 छात्र भी नहीं :

समीक्षा की कड़ी में अफसरों ने उन 11 हजार स्कूलों के संबंध में भी निर्णय लेने को कहा, जहां छात्रों की संख्या एक से 20 है। शिक्षा सचिव ने इस दौरान ऐसे 15 हाईस्कूल और 16 मिडिल स्कूल का जिक्र किया, जहां 20 विद्यार्थी भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों पर सरकार हर वर्ष 60 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने उपायुक्तों से 15 साल से ऊपर की छात्राओं को योजनाबद्ध तरीके से शिक्षित करने का टास्क उपायुक्तों को सौंपा।

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