झारखंड एटीएस ने झूठी कहानी गढ़कर सदर थाने में दो निर्दोषों पर दर्ज करा दी थी प्राथमिकी

रांची झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रांची के सदर थाने में झूठी कहानी गढ़कर दो निर्दोषों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी। एटीएस की टीम दोनों निर्दोष युवक आदिल अफरीदी उर्फ राजू उर्फ मामा व राकेश कुमार सिंह को जेल भेजवाने का पूरा प्लान कर चुकी थी। गनीमत है रांची पुलिस ने जेल भेजने से पूर्व छानबीन करना उचित समझा। छानबीन में एटीएस की फर्जी गिरफ्तारी व असली मुजरिम का पता चला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 01:45 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 01:45 AM (IST)
झारखंड एटीएस ने झूठी कहानी गढ़कर सदर थाने में दो निर्दोषों पर दर्ज करा दी थी प्राथमिकी
झारखंड एटीएस ने झूठी कहानी गढ़कर सदर थाने में दो निर्दोषों पर दर्ज करा दी थी प्राथमिकी

रांची : झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रांची के सदर थाने में झूठी कहानी गढ़कर दो निर्दोषों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी। एटीएस की टीम दोनों निर्दोष युवक आदिल अफरीदी उर्फ राजू उर्फ मामा व राकेश कुमार सिंह को जेल भेजवाने का पूरा प्लान कर चुकी थी। गनीमत है, रांची पुलिस ने जेल भेजने से पूर्व छानबीन करना उचित समझा। छानबीन में एटीएस की फर्जी गिरफ्तारी व असली मुजरिम का पता चला। रांची पुलिस की छानबीन जारी है। झूठ की परत एक-एक कर खुल रही है।

एटीएस के डीएसपी अवध कुमार यादव ने सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि उन्हें आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के लोगों के होने की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ मेडिका अस्पताल के समीप महुरम टोली में स्व. वंशी टोप्पो के घर में छापा मारा था। वहां दो युवक पकड़े गए। उनकी तलाशी ली तो एक युवक जिसने अपना नाम आदिल अफरीदी उर्फ राजू उर्फ मामा के पास से लोडेड पिस्टल व कारतूस मिले। आदिल मूल रूप से धुर्वा के सिठियो का रहने वाला है और वर्तमान में सदर थाना क्षेत्र के बड़गाई में रहता है। जबकि, दूसरे युवक राकेश कुमार सिंह के पास से भी एक लोडेड देसी पिस्टल व कारतूस मिले।

----------------

रांची पुलिस ने जेल भेजने से पूर्व की जांच तो हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा :

एटीएस के डीएसपी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर जब रांची पुलिस ने दोनों आरोपित आदिल अफरीदी व राकेश कुमार सिंह को जेल भेजने से पूर्व जांच की, तो मामला कुछ और निकला। दोनों आरोपित निर्दोष निकले। पता चला कि बड़गाई का जमीन कारोबारी दिलावर खान अपने सहयोगी कांके के सब्बीर व अपने ड्राइवर के साथ मिलकर पूरा खेल किया।

दिलावर ने ही सब्बीर को गांजा पीने के बहाने वहां भेजा और हथियार प्लांट करवाया था। उसने ही एटीएस को सूचना दी कि सिमी के आतंकी वंशी टोप्पो के आवास में छुपे हैं। इसके बाद ही एटीएस की टीम ने वहां छापेमारी की थी। हथियार किसी के पास से नहीं, बल्कि घर से बरामद किए गए थे।

-------------------

एटीएस के दोषी अफसरों-कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई :

एटीएस की छापेमारी में फर्जीवाड़ा की जांच चल रही है। पुलिस मुख्यालय को रांची पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। जांच रिपोर्ट में एटीएस की टीम दोषी मिली तो इस टीम के दोषी अफसर-कर्मी फंसेंगे। उनके विरुद्ध प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई होगी। अब तक की जांच से यह माना जा रहा है कि कार्रवाई तय है। पुलिस मुख्यालय यह पता लगा रहा है कि जमीन कारोबारी दिलावर खान के साथ एटीएस के क्या रिश्ते हैं। अगर एटीएस ने जान बूझकर कार्रवाई की होगी तो टीम के अफसर-कर्मी का बचना मुश्किल होगा।

-----------------

छापेमारी टीम में एटीएस के ये अधिकारी-कर्मी थे शामिल :

डीएसपी अवध कुमार यादव (नेतृत्वकर्ता), डीएसपी दाउद किड़ो, पुलिस निरीक्षक ब्रह्मादेव प्रसाद, पुलिस निरीक्षक सुमन कुमार सुमन, पुलिस निरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, पुलिस निरीक्षक मअरजीत प्रसाद, दारोगा तुलेश्वर प्रसाद कुशवाहा, दारोगा अमित रोशन कुल्लू, जमादार अरुण केरकेट्टा, जमादार सुनील कुमार सिंह, सिपाही नीरज कुमार साहू, सिपाही संजय मछुआ, सिपाही रोहित तिर्की व सिपाही महेश बहादुर सोनार।

-------------------

सीआइडी कर सकती है अनुसंधान :

इस संवेदनशील मामले के अनुसंधान की जवाबदेही अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) को मिल सकती है। जब-जब पुलिस पर आरोप लगा है, अनुसंधान की जवाबदेही सीआइडी को मिलती रही है। इस केस में भी पुलिस मुख्यालय में यही चर्चा है कि केस सीआइडी के पास जा सकता है।

-------------

मेडिका के सामने की जमीन पर कब्जा करना चाहता था दिलावर :

गिरफ्तारी कांड का साजिशकर्ता जमीन कारोबारी दिलावर खान मेडिका के सामने वाहन पार्किंग की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करना चाहता था। एक बार पहले ही उसने जमीन घेरने की कोशिश की थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। वह आदिल अफरीदी नाम के व्यक्ति को रास्ते से हटाना चाहता था, जो उस जमीन की घेरेबंदी में बाधक बन रहा था। इसी उद्देश्य से उसने यह कहानी रची और एटीएस को गुमराह किया।

--------------

chat bot
आपका साथी