यूरिया के साथ किसानों को जबरदस्ती बेचे जा रहे बिना सब्सिडी वाले उत्पाद

रांची यूरिया की अधिक कीमत वसूले जाने और कालाबाजारी के साथ-साथ अब इस तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं कि यूरिया लेने वाले किसानों को बिना सब्सिडी वाले उत्पाद जबरदस्ती बेचे जा रहे हैं। डीलर किसानों को कैल्शियम जिक जैसे बिना सब्सिडी वाले उत्पाद जिनमें अपेक्षाकृत अधिक मुनाफा होता है जबरन थमा दे रहे हैं। सोमवार को कृषि मंत्री बादल के स्तर से पलामू और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से की गई समीक्षा बैठक के क्रम में जनप्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 01:04 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 01:04 AM (IST)
यूरिया के साथ किसानों को जबरदस्ती बेचे जा रहे बिना सब्सिडी वाले उत्पाद
यूरिया के साथ किसानों को जबरदस्ती बेचे जा रहे बिना सब्सिडी वाले उत्पाद

रांची : यूरिया की अधिक कीमत वसूले जाने और कालाबाजारी के साथ-साथ अब इस तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं कि यूरिया लेने वाले किसानों को बिना सब्सिडी वाले उत्पाद जबरदस्ती बेचे जा रहे हैं। डीलर, किसानों को कैल्शियम, जिक जैसे बिना सब्सिडी वाले उत्पाद, जिनमें अपेक्षाकृत अधिक मुनाफा होता है, जबरन थमा दे रहे हैं। सोमवार को कृषि मंत्री बादल के स्तर से पलामू और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से की गई समीक्षा बैठक के क्रम में जनप्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया।

यूरिया के वितरण, ट्रांसपोर्टेशन और रैक प्वाइंट के विभिन्न बिदुओं पर हुई चर्चा के क्रम में कृषि मंत्री बादल ने कहा कि यूरिया के खुदरा एवं होलसेल व्यापारियों की मनमानी और निर्धारित कीमत से ज्यादा की राशि वसूलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो चितनीय है। उन्होंने कहा कि यूरिया के बड़े रिटेलर्स की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही हैं कि किसानों को यूरिया की ज्यादा कीमत पर देने के साथ-साथ बिना सब्सिडी वाले उत्पाद जैसे कैल्शियम, जिक आदि को बेचा जा रहा है, जिससे किसान आहत हैं। बादल ने विधायक कमलेश सिंह, भानु शाही तथा अंबा प्रसाद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित जिला के उपायुक्तों को जांच करने के आदेश दिए। साथ ही खाद के ऐसे थोक विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जो निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं। बादल ने दोनों प्रमंडलों के सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश दिया कि हर एक जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को बिना सब्सिडी वाले उत्पादों को जबरदस्ती खरीदने पर मजबूर न किया जाए। बादल ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए इंफोर्समेंट मैकेनिज्म तैयार करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि बॉर्डर एरिया, जो उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों से जुड़े हैं, में लैम्पस व पैक्स के बीच यूरिया का समानुपातिक वितरण हो। उन्होंने कहा कि पैक्स की आड़ में कोई भी बिजनेसमैन यूरिया की कालाबाजारी का फायदा नही उठाए, इसका ख्याल रखते हुए कार्रवाई करें। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से सचिव कृषि विभाग अबूबकर सिद्दिकी, निदेशक मनोज कुमार सहित कई जिलों के उपायुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे।

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ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में कटौती के लिए नए रैक प्वाइंट बनाने का निर्देश :

बादल ने कहा कि राज्य के किन-किन जिलों में रैक प्वाइंट बनाए जा सकते हैं, उसकी मैपिग का कार्य अविलंब करें, ताकि ट्रांसपोर्टेशन के खर्च में कटौती की जा सके। यूरिया का वितरण ई-पॉश के माध्यम से हो तथा यूरिया की कालाबाजारी करने वाले तथा निर्धारित दरों से उंची दरों पर बेचने वाले डीलरों पर कार्रवाई करें। प्रत्येक जिले में इसके लिए उड़नदस्ता टीम का गठन कर जांच कराई जाए।

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सहकारी समितियों को कार्यशील पूंजी देगी सरकार :

यूरिया के वितरण से जुड़े लैम्पस, पैक्स और अन्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार प्रत्येक चयनित सहकारी समिति को पांच लाख रुपये तक की कार्यशील पूंजी प्रखंड स्तर पर देगी। पंचायत स्तर पर डेढ़ से दो लाख तक की कार्यशील पूंजी अलग से दी जाएगी, ताकि यूरिया वितरण में 50 प्रतिशत सहकारिता समितियों की सहभागिता के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। कृषि मंत्री बादल ने समीक्षा के क्रम में यह घोषणा की।

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अगले वर्ष से नहीं होगी यूरिया की किल्लत :

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अगले वर्ष से यूरिया की कोई भी कमी नहीं रहेगी, क्योंकि सिदरी के साथ-साथ दो अन्य प्लांट शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रैक प्वाइंट की उपलब्धता कम होने की वजह से परिवहन की दर बढ़ जाती है, इसलिए बोकारो, धनबाद व गिरिडीह में रैक प्वाइंट निर्माण की कार्ययोजना बनाएं। साथ ही, ट्रांसपोर्टेशन तथा लिफ्टिग आदि की दरें, जो निर्धारित नहीं हैं, की भी गाइडलाइन तैयार करें।

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