जागरण विमर्श में बोले प्रो. बीके सिन्हा, तीन राज्यों में मिली हार भाजपा के लिए सबक

संजय कुमार, रांची ¨हदी भाषी तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने का मतलब नहीं कि भाजपा हार गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 06:57 AM (IST) Updated:Tue, 25 Dec 2018 06:57 AM (IST)
जागरण विमर्श में बोले प्रो. बीके सिन्हा, तीन राज्यों में मिली हार भाजपा के लिए सबक
जागरण विमर्श में बोले प्रो. बीके सिन्हा, तीन राज्यों में मिली हार भाजपा के लिए सबक

संजय कुमार, रांची

¨हदी भाषी तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें बन गई हैं। परंतु जिस तरह से छत्तीसगढ़ में वापसी हुई वैसी वापसी मप्र एवं राजस्थान में नहीं हुई। लेकिन हार तो हार है। इन तीनों राज्यों में मिली हार से भाजपा को सबक मिली है। 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए समय रहते केंद्र की सरकार को सोचने का मौका मिला है। जो योजनाएं बन रही हैं वह निचले स्तर तक पहुंच नहीं पा रही हैं। लोगों को इस सरकार से जो अपेक्षाएं थी वह पूरा होते दिख नहीं रही है। यह कहना है सेंट जेवियर कॉलेज के प्रोफेसर बीके सिन्हा का। वे सोमवार को जागरण विमर्श कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण कर्मियों से रू-ब-रू थे। विषय था तीन राज्यों के चुनाव नतीजों का संदेश।

प्रो. सिन्हा ने कहा कि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षो बाद कांग्रेस की सरकार में वापसी हुई वहीं राजस्थान में पांच वर्ष बाद सत्ता में लौटी। परंतु मध्य प्रदेश में तो भाजपा का वोट प्रतिशत भी ज्यादा रहा। राजस्थान में जिस तरह की उम्मीद थी वैसा कांग्रेस को फायदा हुआ नहीं। इस पर हम कह सकते हैं कि बीजेपी तो हार गई परंतु कांग्रेस जीती नहीं। इन तीनों राज्यों के नतीजों से हम यह नहीं कह सकते हैं कि भाजपा अब बाहर हो जाएगी और कांग्रेस की पुन:वापसी हो रही है। वैसे राहुल गांधी में नेतृत्व क्षमता उभर रही है। यदि प्रांत स्तर पर अलग-अलग दलों के बीच महागठबंधन बना एवं स्पष्ट विचार के साथ कांग्रेस आगे बढ़ती है तब इन राज्यों में 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्हें फायदा हो सकता है। राहुल गांधी को स्थापित करने में भाजपा का हाथ

प्रो.सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी को स्थापित करने में भाजपा का ही हाथ है। उनके बारे में अब जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जाता है उसे अधिकतर लोग पसंद नहीं करते हैं। लोकतंत्र में सशक्त विपक्ष भी होना जरूरी है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता में कमी नहीं

सिन्हा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। परंतु समय रहते किसी घटना पर प्रतिक्रिया नहीं आने का गलत संदेश जाता है। लोगों में केवल राष्ट्र भावना को उभारने से काम नहीं चलेगा। किसानों की आमदनी बढ़नी चाहिए, युवाओं को रोजगार चाहिए। लोकतंत्र के लिए नोटा अच्छा नहीं

चुनाव में नोटा के बढ़ते प्रयोग पर चिंता जताते हुए सिन्हा ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। चुनाव आयोग ने इसे पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों के चयन में सावधानी बरतने के लिए लाया था। अब इसका प्रयोग बढ़ता जा रहा है।

chat bot
आपका साथी