देश की सेवा में आदिवासियों के कार्य को एक सूत्र में बांधने का काम जगदेवराम उरांव ने किया
वनवासी कल्याण केंद्र के प्रांतीय मुख्यालय के सभागार में जगदेवराम उरांव का चित्रावली का उद्घाटन किया।
जासं, रांची: वनवासी कल्याण केंद्र के प्रांतीय मुख्यालय के सभागार में जगदेवराम उरांव का चित्रावली पुस्तक विमोचन एवं श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डा. कामिनी कुमार, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, प्रान्त प्रचारक दिलीप, प्रांत के अध्यक्ष डा. हरिप्रकाश नारायण ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संदीप उरांव ने जगदेवराम जी के 75 चित्रों के चित्रावली पुस्तक का विवरण प्रस्तुत किया तथा उनके जीवन पर भी प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जगदेवराम उरांव की प्रथम पूण्यतिथि मनाई जा रही है। उनके 25 वर्षों का कार्यकाल का लाभ देश एवं समाज को मिला। देश की सेवा में जो आदिवासी समाज ने बलिदान दिया उसका एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। वहीं समारोह मुख्य अतिथि डा कामिनी कुमार ने कहा कि जगदेवराम जी के कार्यों यादगार करने के लिए किया इसके मैं धन्यवाद देती हूं। जगदेवराम ओरांव चित्रावली पुस्तक विमोचन करते हुए कहा कि जगदेवराम जी महान पुरुष थे। उसके कार्यो को आगे बढ़ाते हुए बताया की जनजाति समाज का सर्वागीण विकास के लिए संगठन प्रयत्नशील है। समारोह में झारखंड के नागपुरी गायक लक्ष्मी कान्त नारायण एवं बजरंग साहू ने गीत गाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। समारोह में मुख्य वक्ता दिलीप जी ने कहा की दायित्व भाव से सभी कार्यकर्ता काम करते हैं। एक आदर्श स्वयं सेवक कैसा होता है इसपर व्याख्या किया गया है। जगदेवराम जी जीवन बिल्कुल संत जैसा था। संगठन को एक लंबे समय तक अभिभावक के रूप कार्य करते रहे। एक आदर्श कार्यकर्ता स्वयं सेवक के रूप में जानते हैं। इस समारोह में नगर एवं गांव से काफी संख्या में उपस्थित थे। इसमें प्रमुख रूप से राकेश लाल, कृपा प्रसाद सिंह, बीएन झा, पीडी सिंह, अर्जुन राम, नकुल तिर्की, लाला ओरांव, जीतराम मुंडा, सहित अन्य लोग शामिल हैं।