दिल्ली से रांची लाई जा रही थी बंधक बनी युवती, दो स्‍टेशन पहले चुपचाप ले भागी पुलिस, महिला आयोग के तेवर तल्‍ख

रांची लाने के क्रम में युवती को ग्रामीण एसपी ने मूरी स्‍टेशन पर ही उतार लिया। जिस पर महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जताई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 31 Oct 2018 01:32 PM (IST) Updated:Wed, 31 Oct 2018 01:32 PM (IST)
दिल्ली से रांची लाई जा रही थी बंधक बनी युवती, दो स्‍टेशन पहले चुपचाप ले भागी पुलिस, महिला आयोग के तेवर तल्‍ख
दिल्ली से रांची लाई जा रही थी बंधक बनी युवती, दो स्‍टेशन पहले चुपचाप ले भागी पुलिस, महिला आयोग के तेवर तल्‍ख

रांची, जासं। दिल्ली के वसंत बिहार में बंधक बनी रांची के मांडर की युवती को पुलिस ने मुक्त   करा लिया है। रांची पुलिस उसे लेकर मंगलवार को रांची पहुंची। रांची पहुंचने के बाद उसे महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया। महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने युवती का बयान लिया है। युवती को शेल्टर होम में रखा गया है। बुधवार को कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराने के बाद उसे परिजनों को सौंपा जाएगा।

पीडि़ता द्वारा दिए गए बयान के अनुसार दिल्ली में वह बसंत विहार आलोक वर्मा नामक व्यक्ति के यहां बंधक बनी थी। वहां पीडि़ता को प्रताडि़त किया जाता था और बीमार रहते हुए भी काम करवाया जाता था। काम नहीं कर पाने पर उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। घर आने की बात कहने पर बोला जाता था कि उसे खरीद लिया गया है। वह अब घर नहीं लौट सकती है।

साथ ही कहा जाता था कि तुम कोई दूसरी लड़की लाकर दो, तभी वापस जा सकती हो। प्रताडऩा से तंग आकर उसने रांची के श्रम विभाग के अधिकारियों का नंबर ढूंढा। इसके बाद फोन कर बंधक बने रहने की जानकारी दी। जानकारी होने पर रांची पुलिस ने मांडर थाने में ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज कर रेस्क्यू के लिए एक टीम भेजी थी। टीम वहां पहुंची और पीडि़ता को रेस्क्यू कर वापस लाया गया। 

बेच दिया था दलालों ने : पीडि़ता ने बताया कि करीब तीन महीने पहले उसे टांगरबसली की रहने वाली महिला निशा देवी ने दिल्ली की एक प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक यमुना और अशोक नाम के व्यक्ति के पास भेजा था। वहां से वसंत विहार स्थित फ्लैट नंबर 3/13 और 7/12 में अमिया वर्मा पति आलोक वर्मा के घर पर काम में लगा दिया गया था। उससे सारे घरेलू कार्य करवाए जाते थे। लड़की की जो भी मजदूरी होती थी वह मजदूरी अशोक और यमुना द्वारा वसूली जाती थी। उसे मजदूरी नहीं मिलती थी। पीडि़ता के अनुसार उसकी एक बहन अब भी दिल्ली में ही फंसी है। वह कहां है, इसकी जानकारी उसे नहीं है।

मीडिया से बचाने के लिए पुलिस ने मुरी स्टेशन पर ही उतारा : मंगलवार को रांची पुलिस की टीम पीडि़ता को रेस्क्यू कराकर राजधानी एक्सप्रेस से लेकर लौट रही थी। रांची रेलवे स्टेशन पर महिला आयोग, मीडिया और सरना समिति के लोग इंतजार कर रहे थे। इनसे बचाने के लिए ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने मुरी में ही पीडि़ता को उतरवा लिया।

इसके बाद वह महिला आयोग भेजी गई। इस तरह अचानक मुरी में उतारे जाने से महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जताई और ग्रामीण एसपी को तुरंत आयोग भेजने के लिए कहा। इसके बाद पुलिस टीम लड़की को लेकर धुर्वा स्थित आयोग के कार्यालय में पहुंची।

पीडि़ता की बहन भी दिल्‍ली में फंसी : 'पूरे मामले की जांच आयोग अपने स्तर से कर रही है। पीडि़ता की एक बहन भी दिल्ली में फंसी है, उसका पता लगाया जा रहा है। लड़की ने कई लोगों के नाम बताए हैं। जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है। ग्रामीण एसपी द्वारा मुरी स्टेशन पर पीडि़ता को उतारा जाना गलत है। कल्याणी शरण, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग झारखंड।

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