झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को कहा-प्रक्रिया पालन किए बिना नहीं कर सकते नौकरी से बर्खास्त

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बिना प्रक्रिया के कर्मचारी को बर्खास्त करने के औचित्य पर सवाल उठाया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Aug 2018 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 14 Aug 2018 05:15 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को कहा-प्रक्रिया पालन किए बिना नहीं कर सकते नौकरी से बर्खास्त
झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को कहा-प्रक्रिया पालन किए बिना नहीं कर सकते नौकरी से बर्खास्त

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस डीएन पटेल की अदालत ने नौकरी से बर्खास्त करने के एक मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकारार रखा और सरकार की अपील याचिका को खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि बिना प्रक्रिया पालन किए ही किसी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज टंडन ने कोर्ट को बताया कि देवघर के करौं ब्लाक में अजीत मिस्त्री की 1989 में वैक्सीन लगाने के कर्मचारी के रूप में नियुक्ति हुई थी। सरकार ने 2009 में यह कहते हुए इनको बर्खास्त कर दिया कि इनकी नियुक्ति अवैध है। इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। 2014 में हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया और विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसी दौरान अजीत मिस्त्री को विभाग ने नौकरी पर रख लिया। लेकिन उनका वेतन रोक दिया। इसके बाद फिर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि जब तक सारी प्रक्रिया अपनाकर इनको बर्खास्त नहीं किया जाता है तब तक यह सेवा में रहेंगे। कोर्ट ने बकाया वेतन के भुगतान करने का आदेश दिया। आदेश का पालन नहीं करने पर एकलपीठ ने निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं के वेतन पर रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में आदेश का पालन होने पर निदेशक प्रमुख के वेतन से रोक हटा दी गई। सोमवार को इसी मामले में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा।

यह होती है प्रक्रिया

एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में पूरी प्रक्रिया अपनाई जाए और बर्खास्त करने की कार्रवाई हो। यानि सबसे पहले उक्त कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाती और जांच किया जाता। जांच में अवैध नियुक्ति पाए जाने पर उसे बर्खास्त करने की प्रक्रिया की जाती, लेकिन सरकार ने बिना किसी प्रक्रिया के ही कर्मचारी अजीत मिस्त्री को बर्खास्त कर दिया।

chat bot
आपका साथी