अदालत का समय कीमती, नहीं दे सकते बार-बार समय

रांची : अदालत का समय कीमती है, बार-बार किसी को समय नहीं दिया जा सकता है। यह तल्ख मौखिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 07:40 AM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 07:40 AM (IST)
अदालत का समय कीमती, नहीं दे सकते बार-बार समय
अदालत का समय कीमती, नहीं दे सकते बार-बार समय

रांची : अदालत का समय कीमती है, बार-बार किसी को समय नहीं दिया जा सकता है। यह तल्ख मौखिक टिप्पणी गुरुवार को हाई कोर्ट में जस्टिस एबी सिंह की अदालत ने राज्यसभा सदस्यों के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान विधायक निर्मला देवी के अधिवक्ता द्वारा समय दिए जाने की मांग पर की। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह हमें दिग्भ्रमित करने की कोशिश न करें। इसके बाद कोर्ट ने 30 अक्टूबर की तिथि निर्धारित करते हुए बहस पूरी करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता विधायक निर्मला देवी के अधिवक्ता पर अदालत ने उस समय नाराजगी जताई जब वह कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे थे। अपने पक्ष के समर्थन में उन्हें रूलिंग पढ़कर अदालत को सुनाना था, लेकिन वह रूलिंग की प्रति लेकर अदालत में नहीं आ सके थे। जिसके बाद कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की है। इस दौरान वादी की ओर से अदालत में बताया गया कि राज्यसभा चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोप से संबंधित विस्तृत जानकारी लिखित रूप में कोर्ट में दाखिल की गई है। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इसे चुनाव याचिका का अंग मान लिया जाए। जिसका प्रतिवादियों मुख्तार अब्बास नकवी व महेश पोद्दार की अधिवक्ताओं की ओर से विरोध किया गया। बता दें कि बड़कागांव की कांग्रेस विधायक निर्मला देवी ने राज्यसभा सदस्य मुख्तार अब्बास नकवी व महेश पोद्दार के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

शपथपत्र पर सौ व वकालतनामा पर देने होंगे पचास रुपये

रांची : झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल होने वाले अब हर शपथपत्र पर 100 और वकालतनामा पर 50 रुपये का शुल्क एडवोकेट एसोसिएशन को देना होगा। गुरुवार को एसोसिशन की आमसभा की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया। हाई कोर्ट परिसर स्थित एसोसिएशन हॉल में आमसभा की बैठक हुई। जिसमें कहा गया कि एसोसिएशन के कोष में बढ़ोतरी के लिए यह शुल्क लिया जा रहा है। उक्त राशि का उपयोग वकीलों के कल्याणकारी कार्यक्रमों में खर्च किया जाएगा। एसोसिएशन के पास कोष की कमी है। इस कारण शपथ पत्र व वकालतनामा पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा वकील के निधन के बाद शोक व्यक्त करने के लिए दोपहर 1.30 बजे का समय निर्धारित करने पर सहमति बनी। तत्कालीन चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने इसका समय बदल कर दोपहर बाद 3.30 बजे कर दिया था।

इस दौरान हाई कोर्ट की वेबसाइट का भी मामला उठा। कहा गया कि साइट पर कोर्ट के आदेश अपलोड नहीं होते। साथ ही आदेश की सत्यापित प्रति लेने में भी काफी लंबा समय लगता है। इन सभी मामलों को लेकर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य न्यायाधीश से मिलेगा। एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार को मुख्य न्यायाधीश से समय लेने के लिए अधिकृत किया गया। बैठक को एसोसिएशन की अध्यक्ष ऋतु कुमार, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, धीरज कुमार समेत सभी पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए।

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