Ranchi: पुलिस मुख्यालय बने हुए 11 साल, पर HEC को अब तक नहीं मुआवजा

HEC की जमीन पर पुलिस मुख्यालय बने 11 साल हो गए लेकिन सरकार की ओर से एचईसी को अब तक 21.043 करोड़ रुपये मुआवजा नहीं मिला है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 11 May 2019 12:29 PM (IST) Updated:Sat, 11 May 2019 06:43 PM (IST)
Ranchi: पुलिस मुख्यालय बने हुए 11 साल, पर HEC को अब तक नहीं मुआवजा
Ranchi: पुलिस मुख्यालय बने हुए 11 साल, पर HEC को अब तक नहीं मुआवजा

रांची, [दिलीप कुमार]। पुलिस मुख्यालय व टीओपी के लिए झारखंड सरकार ने एचईसी की 19.13 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी। उक्त जमीन पर नया भवन भी बन गया और वर्ष 2008 में झारखंड का पुलिस मुख्यालय शिफ्ट भी हो गया। पुलिस मुख्यालय शिफ्ट हुए भी अब 11 साल गुजर गए, लेकिन सरकार उक्त जमीन के एवज में मुआवजे के 21.043 करोड़ रुपये अब तक एचईसी को नहीं दे पाई।

एक बार फिर एचईसी प्रबंधन ने सरकार को पत्राचार कर बकाये की याद दिलाई है। एचईसी प्रबंधन के पत्र का हवाला देते हुए सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने पुलिस मुख्यालय से पत्राचार किया है और तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। एचईसी की ओर से टाउनशिप प्रमुख एचके गुप्ता ने इस संबंध में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे से पत्राचार किया था। उन्होंने 19.13 एकड़ भूखंड के बदले 21.043 करोड़ रुपये के बकाया की जानकारी दी थी।

गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से तीन बिंदुओं पर मांगा जवाब

क्या उक्त भूमि पुलिस मुख्यालय के दखल में है? यदि उसपर दखल है तो दखल का प्रकार बताएं। क्या उक्त भूमि पर किसी तरह का निर्माण कार्य किया गया है? यदि हां तो उसका प्रकार बताएं। क्या उक्त भूमि के विरुद्ध राशि के भुगतान को लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में बजट उपबंध किया गया है?

पहले भी एचईसी प्रबंधन ने किया था पत्राचार

इसी वर्ष 10 जनवरी को एचईसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एमके सक्सेना ने भी गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे से पत्राचार किया था। उन्होंने अपने पत्र में सरकार के शहरी विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से स्मार्ट सिटी परियोजना में एचईसी की 656.30 एकड़ भूखंड लिए जाने की जिक्र किया।

यह भी याद दिलाया कि पुलिस मुख्यालय व टीओपी के लिए पूर्व में एचईसी की 19.13 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। उक्त भूखंड पर पुलिस मुख्यालय व टीओपी संचालित है, लेकिन बकाया का भुगतान अब तक नहीं हो सका। उक्त जमीन 1.1 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से अधिग्रहित की गई थी, जिसका कुल बकाया 21.043 करोड़ रुपये है।

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