Jharkhand: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का निजी अस्‍पतालों को निर्देश, कोरोना मरीजों के लिए 10 से 25% बेड करें सुरक्षित

Jharkhand COVID 19 News आज निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता तथा स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं करने पर लाइसेंस रद करने की चेतावनी दी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 06:05 PM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 08:15 PM (IST)
Jharkhand: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का निजी अस्‍पतालों को निर्देश, कोरोना मरीजों के लिए 10 से 25% बेड करें सुरक्षित
Jharkhand COVID 19 News रांची में निजी अस्‍पताल संचालकों के साथ बैठक करते स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand COVID 19 News झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें 25 फीसद बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को नामकुम स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के सभागार में उन्होंने निजी अस्पताल संचालकों से कहा कि निजी अस्पतालों को सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर ही इलाज करना होगा। साथ ही इलाज की दरों का अपने नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अनिवार्य रूप उल्लेख भी करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पताल मनमानी राशि वसूल रहे हैं। ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई होगी।

बैठक में कई निजी अस्पतालों के संचालकों के नहीं पहुंचने पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने अभियान निदेशक को निर्देश दिया कि ऐसे अस्पताल संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा जाय। साथ ही इंसीडेंट कमांडर को सभी अस्पतालों के निरीक्षण करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा तय कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं करने पर लाइसेंस रद करने चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छह घंटे पर प्रशासन को अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। बैठक में स्वास्थ्य सचिव केके सोन तथा अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला आदि भी उपस्थित थे।

दवा की न हो कमी, न हो कालाबाजारी, दुकानों पर रखें नजर

स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव तथा अभियान निदेशक ने अलग से औषधि निदेशक ऋतु सहाय तथा औषधि प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की। इसमें मंत्री ने कहा कि राज्य में किसी भी कीमत पर जीवनरक्षक या अन्य दवा की कमी न हो। उन्होंने कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए नियमित रूप से दवा दुकानों के स्टॉक तथा बिक्री की जांच करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि औषधि निदेशक यह सुनिश्चित करें की अस्पतालों में दवा की उपलब्धता हमेशा रहे।

बैठक में अधिकारियों ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयां जैसे रेमडेसिविर, फेवीपिराविर, आइवरमेक्टिन, विटामिन सी, जिंक, डॉक्सीसाइक्लीन आदि की उपलब्धता अस्पतालों में उचित मूल्य पर सुनिश्चित किया जा रहा है। बैठक में ऑक्सीजन की उपलब्धता की भी समीक्षा हुई। बताया गया कि ऑक्सीजन के 17 निर्माता हैं जिनके द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन निर्माण कर आपूर्ति की जा रही है। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता हमेशा रहे, इसे भी सुनिश्चित किया जाए।

chat bot
आपका साथी