हटिया डैम ओवरफ्लो, खोले गए सात वॉल्व, धुर्वा के कई इलाकों में भरा पानी

भारी बारिश के कारण हटिया डैम से पानी ओवरफ्लो कर बाहर आने लगा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:00 AM (IST)
हटिया डैम ओवरफ्लो, खोले गए सात वॉल्व, धुर्वा के कई इलाकों में भरा पानी
हटिया डैम ओवरफ्लो, खोले गए सात वॉल्व, धुर्वा के कई इलाकों में भरा पानी

जागरण संवाददाता, रांची : गुरुवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण डैम ओवरफ्लो होकर बहने लगा। लगभग 15 साल बाद डैम खतरे के निशान तक पहुंच गया। ओवरफ्लो की स्थिति को देखते हुए चार दिन दिन पहले एक स्क्राइवर वॉल्व खोला गया था। लेकिन गुरुवार की सुबह हुई भारी बारिश के कारण डैम के उफनाने के बाद पानी के प्रेशर को कम करने के लिए विभाग द्वारा हटिया फिल्टरेशन प्लांट में मौजूद एक-एक कर और छह वॉल्व खोल दिए गए। इन वॉल्व के खोल देने से डैम का पानी गेट के नीचे बने नाला से होते हुए प्लांट की ओर से स्वर्णरेखा नदी की ओर बहने लगा। हालांकि इस वजह से फिल्टरेशन प्लांट के पास स्थित धुर्वा इलाके में कई इलाके जलमग्न हो गए।

विगत चार दिनों के अंदर डैम का जलस्तर बढ़कर 38.7 फुट तक पहुंच गया था। वॉल्व खोले जाने के बाद शाम तक जलस्तर घटकर 38 फुट पर पहुंच गया था। लेकिन बारिश होने की स्थिति में इसके खतरे के निशान पार करने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। डैम की क्षमता 39 फुट तक की है। सुबह विभागीय अधिकारी भी डैम पर पहुंचे थे। गेट के ऊपर से पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा था। बारिश की संभावना को देखते हुए पीएचईडी विभाग द्वारा डैम के एक नंबर गेट में दोनों छोर पर लोहे की मोटी जंजीर लगा दी गई है ताकि बारिश होने पर गेट को खोल जा सके।

15 वर्षों से नहीं खोलने से गेट हो गया है जाम : 15 वर्षों तक गेट नहीं खोलने के कारण वह जाम हो गया है। ऐसे में विभाग द्वारा गेट खोलने के लिए जो जुगत अपनाई जा रही है, उससे गेट खोलने की संभावना कम ही नजर आ रही है। इधर, गेट खोलने वाली मशीन के 10-15 साल पहले चोरी होने की भी सूचना है। ऐसे में अगर बारिश आगे हुई तो डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है और ऐसी स्थिति में गेट टूटने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।

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लगातार रुक-रुक कर हो रही है बारिश : बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय तूफान के कारण झारखंड में निम्न दबाव का असर कायम है। विगत चार दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश की वजह से रांची सहित अन्य जिलों में स्थित डैम एवं नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है।

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सीठियो के ग्रामीणों में नाराजगी : इधर डैम का गेट खोलने की सूचना मिलते ही सीठियो के ग्रामीणों में नाराजगी छा गई। कई ग्रामीण डैम के गेट के पास पहुंच गए। नाराजगी जताते हुए सीठियो के ग्रामीण दुखनाथ तिग्गा कहते हैं कि पहले प्रतिवर्ष अगस्त-सितंबर में डैम का गेट खोला जाता था। लेकिन विगत 15 वर्षों से डैम का गेट नहीं खोला गया है। खेतों में धान की फसल तैयार हो गई है। अब पानी छोड़ा गया तो फसलों को नुकसान होगा। ग्रामीण मो. मतीन अंसारी ने कहा कि गलत गेट को खोला जा रहा है। मेरी जानकारी में हमेशा में तीसरा नंबर गेट ही खोला जाता था। वैसे भी 15 साल बीत गए हैं। गेट जाम हो गया है। विभाग की लापरवाही के कारण गेट को खोलने वाले मशीनों की भी चोरी हो गई है। हटिया फिल्टरेशन प्लांट के पास स्थित धुर्वा निवासी निकोलस बाला का कहना था कि वे पहली बार इस तरह की स्थिति देख रहे हैं, जब डैम ओवरफ्लो होकर बह रहा है। शिवाजी साहा ने कहा कि पहली बार डैम का पानी हमारे इलाके में घुसा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। अगर बारिश का दौर नहीं थमा, तो गेट खुलने की स्थिति में फसल बर्बाद हो जाएंगे।

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ओवरफ्लो के कारण धुर्वा में बहने लगी मछलियां : वॉल्व खोलने के कारण डैम का पानी जब धुर्वा में बढऩे लगा तो, फिल्टरेशन प्लांट के पास स्थित एक नाले में अचानक मछलियों की बाढ़ आ गई। पानी के साथ मछलियों का ओवरफ्लो देखकर लोग अंचभित हो गए। नाले में भीड़ जुट गई और लोग मच्छरदानी, चादर आदि से मछलियों को पकडऩे लगे। एक-एक आदमी ने पांच-दस किलो मछलियां पकड़ीं। मछलियों का भार 200 ग्राम से एक किलो तक बताई गई। लोगों ने कहा कि इससे पहले उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा था। बहरहाल भले ही डैम का जलस्तर बढऩे से सीठियो के लोगों में चिता थी। लेकिन मुफ्त में ढेर सारी मछलियां मिलने से धुर्वा के लोगों में खुशी रही।

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गेट खोलने से होगी फसलों की बर्बादी, देना होगा मुआवजा : मुखिया

सीठियो गांव के मुखिया शंकर कच्छप ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पहले प्रति वर्ष गेट खोला जाता था। लेकिन विगत 15 वर्षों से गेट नहीं खोलने के कारण वह जाम हो गया है। हालांकि गेट खोला गया तो यहां से लेकर हटिया एंसीलरी तक लगभग 10-12 किमी. के दायरे में फसलों की बर्बादी होगी और अगर फसलों की बर्बादी हुई, तो विभाग को मुआवजा देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 10-15 साल पूर्व विभाग की लापरवाही के चलते गेट खोलने की मशीनरी चोरी हो गई। अब उस भारी-भरकम गेट को लोहे की जंजीर लगाकर खोलने की तैयारी की जा रही है।

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सुबह डैम का जलस्तर 38 फुट के ऊपर पहुंच गया था। लेकिन वॉल्व खोल देने के कारण डैम का जलस्तर 38 फुट पर पहुंच गया है। उम्मीद है यह जल्द ही लेवल पर आ जाएगा। विभाग स्थति पर नजर रखे हुए हैं।

- सुरेश प्रसाद, कार्यकारी अभियंता, पीएचईडी

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