हरमू नदी के सुंदरीकरण का वक्त पूरा, काम आधा-अधूरा

रांची : हरमू नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के काम की समयावधि 31 मई को समाप्त हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Jun 2018 09:16 AM (IST) Updated:Fri, 08 Jun 2018 09:16 AM (IST)
हरमू नदी के सुंदरीकरण का वक्त पूरा, काम आधा-अधूरा
हरमू नदी के सुंदरीकरण का वक्त पूरा, काम आधा-अधूरा

रांची : हरमू नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के काम की समयावधि 31 मई को समाप्त हो चुकी है। फिर भी काम आधा-अधूरा हैं। हालांकि एकरारनामा के तहत कंपनी को अगस्त 2017 में ही नदी के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण का काम पूरा करना था। जुडको के अधिकारी की मानें तो समयावधि विस्तार के लिए फाइल नगर विकास विभाग को भेज दी गई है। फिलहाल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नंबर-1, 2 व 3 को छोड़ शेष पांच एसटीपी चालू किए जा चुके हैं। अब ¨हदपीढ़ी व अमरावती कॉलोनी के समीप नदी के किनारे का काम शेष रह गया है। पूर्व में इन स्थलों पर गेवियन माल का निर्माण कराया गया था, मिंट्टी के कटाव के कारण यह कार्य सफल नहीं हुआ। खासकर ¨हदपीढ़ी व अमरावती में जिन स्थलों पर नदी घुमावदार हैं, वहां बोल्डर पीचिंग का कार्य किया जा रहा हैं। ईगल इंफ्रा कंपनी के अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह में ¨हदपीढ़ी व अमरावती स्थित रिवर सेक्शन का काम पूरा हो जाएगा। एकरारनामा के तहत कंपनी को पांच वर्षो तक निर्माण कार्यो का मेंटनेंस भी किया जाना है। इधर, होटल रेडिशन ब्लू के समीप स्थित नदी की जमीन को लेकर हाईकोर्ट में मामला चल रहा है, जिसके कारण काम प्रभावित हुआ है। ईगल इंफ्रा कंपनी के अधिकारी ने दावे के साथ कहा कि एक सप्ताह के अंदर काम पूरा कर इसे जुडको को सौंप दिया जाएगा।

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नदी में कूड़ा फेंकने वालों पर होगा जुर्माना

रांची नगर निगम ने हरमू नदी में कूड़ा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस क्रम में 29 मई से ही नदी के इर्द-गिर्द होमगार्ड के 22 जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। पहली टीम सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी टीम दोपहर दो से रात 10 बजे तक नदी में कूड़ा फेंकने वालों पर नजर रख रही है। होम गार्ड के जवानों को निर्देश दिया गया है कि नदी में कूड़ा फेंकने वालों को चिह्नित कर इसकी सूचना इंफोर्समेंट टीम को दें, ताकि उनपर जुर्माना के साथ-साथ सख्त कार्रवाई की जा सके।

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15 टॉयलेट ब्लॉक का हुआ है निर्माण

हरमू नदी को खुले में शौचमुक्त करने के उद्देश्य से डीपीआर के तहत जुडको को कुल 33 टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण करना था। लेकिन पार्षदों के हस्तक्षेप के बाद यह कार्य आधा-अधूरा रह गया था। पार्षदों की मानें तो केंद्र सरकार की योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया गया है। लिहाजा उन स्थलों पर टॉयलेट ब्लॉक की आवश्यकता अधिक है, जहां बस्ती में रहने वालों की संख्या अधिक है। पार्षदों द्वारा चिह्नित किए गए स्थलों पर कुल 15 टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण व टॉयलेट में पानी की सुविधा के लिए 15 बो¨रग भी कराए गए हैं।

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