Jharkhand: सरकार ने कहा- राज्य में पूर्ण प्रतिबंधित है गुटखा, चीफ जस्टिस ने कर्मचारी भेज मंगाया, दिखाकर पूछा- किस प्रकार का प्रतिबंध है

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में गुटखा व पान मसला के प्रतिबंध के बाद बिक्री को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने गुटखा के खुलेआम बिक्री होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 09:09 AM (IST)
Jharkhand: सरकार ने कहा- राज्य में पूर्ण प्रतिबंधित है गुटखा, चीफ जस्टिस ने कर्मचारी भेज मंगाया, दिखाकर पूछा- किस प्रकार का प्रतिबंध है
हाईकोर्ट ने कर्मचारी भेज मंगाया दिखाकर पूछा- किस प्रकार का प्रतिबंध है। जागरण

रांची (राज्य ब्यूरो) । झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में गुटखा व पान मसला के प्रतिबंध के बाद बिक्री को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने गुटखा के खुलेआम बिक्री होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने जब खाद्य आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव से पूछा कि प्रतिबंधित होने के बाद भी गुटखा बाजार में क्यों बिक रहा है तो सचिव ने कहा कि राज्य में गुटखे की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस पर चीफ जस्टिस ने आश्चर्य जताया और एक कर्मचारी को बाजार भेजकर गुटखा लाने को कहा। दस मिनट में कर्मचारी ने पांच- छह ब्रांड का गुटखा लाकर रख दिया।

इस पर अदालत ने सचिव से पूछा कि यह कैसा प्रतिबंध है, आप खुद देख लीजिए। इसके बाद विशेष सचिव ने आश्वस्त किया कि इसकी जांच कर अविलंब कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अदालत ने कहा कि बाजार में इतनी सस्ती मौत बिक रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। गुटखा में जर्दा मिलाकर लोग सेवन कर रहे हैं। भले ही यह अलग-अलग बिक रहा हो, लेकिन बाजार में जहर ही तो बिक रहा है। बिक्री पर रोक होने के बाद भी यह आसानी से बाजार में उपलब्ध है। अदालत ने कहा कि सरकार सिर्फ कागज में ही काम कर रही है। जमीनी हकीकत या तो नहीं जानती या जान कर अंजान बनी हुई है।

अदालत ने सरकार को अगली तिथि को राज्य में गुटखा की बिक्री पूरी तरह बंद करने का आदेश देते हुए शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि शपथपत्र में यह पूरी तरह से स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि राज्य में गुटखा की बिक्री अब नहीं हो रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके अस्वस्थ रहने के कारण विशेष सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग से हाजिर हुए।अदालत ने सरकार से कहा है कि जब 2017 से राज्य में गुटखे की बिक्री पर प्रतिबंध है, तो इसकी बिक्री कैसे हो रही है। इस पर रोक लगाने के पूर्व सरकार ने कोई स्टडी किया था या नहीं। क्योंकि कंपनियां गुटखा और जर्दा को अलग-अलग बेच रही हैं, जिसको मिलाकर सेवन करने से बीमारी होती है।

क्या इस बात का रिकॉर्ड सरकार के पास है कि गुटखा कहां से पहुंच रहे हैं। क्या झारखंड में इसके निर्माण की फैक्ट्री है या नहीं। गुटखा का सेवन करने से बीमार हो रहे लोगों की संख्या कितनी बढ़ी है। अदालत ने इसकी विस्तृत जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया।

दरअसल, इसको लेकर फरियाद फाउंडेशन ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिबंधित के बाद भी राज्य में गुटखे की बिक्री हो रही है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। राज्य में गुटखे की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने का आग्रह अदालत से किया गया है।

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