महिलाओं से वादा कर भूल गई सरकार
सरकार आधी आबादी को हर मोर्चे पर आगे लाने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रही है, मगर ड्राइविंग के मामले में चूक गई है। वादा कर के भूल गई है।
बिजय कुमार ठाकुर, रांची। रांची शहर में फर्राटे के साथ स्कूटी पर उड़ान भरती लड़कियां, स्कूल, कॉलेज बाजार जाते धड़ल्ले से दिख जाएंगी। कार ड्राइविंग में भी वे पीछे नहीं हैं। बीते एक दशक में महिलाओं द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की रफ्तार भी तेज हुई है। अब तो पिंक ऑटो का हैंडिल महिलाएं ही संभाल रही हैं। पिंक ऑटो रांची में इन्हीं के हवाले हैं।
सरकार आधी आबादी को हर मोर्चे पर आगे लाने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रही है, मगर ड्राइविंग के मामले में चूक गई है। वादा कर के भूल गई है या कहें अधिकारियों की लापरवाही के कारण इसे साकार नहीं किया जा सका है।
राज्य सरकार ने महिलाओं की ड्राइविंग को और गति देने के लिए इनका मुफ्त ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का निर्णय किया था।
पिछले साल बजट भाषण के दौरान ही मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में इसकी घोषणा की थी। कोई आठ माह पहले झारखंड कैबिनेट ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी भी दी थी। मगर आज तक उसे अमल में नहीं लाया जा सका। दरअसल कैबिनेट के फैसले के संबंध में सरकार का औपचारिक आदेश जिलों तक या कहें जिला परिवहन पदाधिकारियों तक नहीं पहुंचा।
शुल्क देकर 2600 महिलाओं ने बनवाया लाइसेंस
मजबूरी में जिन्हें जरूरत है, परिवहन कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं। शुल्क देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रही हैं। लाइसेंस शुल्क के रूप में उन्हें करीब 850 से 1100 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। इस साल 22 अगस्त तक शुल्क देकर रांची में 2600 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया है।
लाइसेंस बनवाने की गति में आई तेजी
झारखंड अलग प्रदेश बनने के बाद यहां करीब एक लाख से अधिक महिलाओं ने अब तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। हाल के वर्षों में इसमें बहुत तेजी आई है। 2001-02 में मात्र 386 महिलाओं ने डीएल बनवाए थे। अब यह रफ्तार 13 हजार के करीब पहुंच गई है। इसमें अकेले रांची की हिस्सेदारी सालाना कोई साढ़े तीन हजार हो गई है। हालांकि एक दशक पहले रांची में डीएल बनवाने वाली महिलाओं की संख्या पांच सौ भी नहीं थी।
इस साल अब तक बने डीएल
माह लाइसेंस की संख्या
जनवरी 345
फरवरी 304
मार्च 292
अप्रैल 345
मई 295
जून 355
जुलाई 437
20 अगस्त 2016 तक - 261
नागेंद्र पासवान, जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची ने बताया कि महिलाओं को नि:शुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से संबंधित विभागीय पत्र नहीं मिला है। विभागीय निर्देश के बाद इस पर काम प्रारंभ होगा। वर्तमान में महिलाओं का नि:शुल्क ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन रहा है।