ट्रेनों से हटीं जेनरेटर कार, छह माह में रांची रेल मंडल ने 15 लाख रुपये डीजल की बचत की

अब रांची रेल मंडल से खुलने वाली सात प्रमुख ट्रेनों में यात्रियों को आसानी से सीट मिल जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 03:01 PM (IST)
ट्रेनों से हटीं जेनरेटर कार, छह माह में रांची रेल मंडल ने 15 लाख रुपये डीजल की बचत की
ट्रेनों से हटीं जेनरेटर कार, छह माह में रांची रेल मंडल ने 15 लाख रुपये डीजल की बचत की

शक्ति सिंह, रांची

: अब रांची रेल मंडल से खुलने वाली सात प्रमुख ट्रेनों में यात्रियों को आसानी से सीट मिल रही है। दरअसल रेलवे इन ट्रेनों के बल्ब, एलईडी लाइट, पंखे और एयर कंडीशनिग को बिजली सप्लाई करने वाले पावर कार जेनरेटर कोच को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। इसके लिए हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद सीधे इंजन से ही बिजली मिल रही है।

अब ट्रेन की कोच में लाइट, पंखे और वातानुकूलित संयंत्र, लोकोमोटिव (इंजन) की बिजली से चलेंगे, जिससे ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण भी नियंत्रित होगा। रांची रेल मंडल से खुलने वाली ट्रेनों में झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, 02879 भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन यशवंतपुर स्पेशल ट्रेन, मुंबई एलटीटी स्पेशल ट्रेन, रांची हावड़ा फेस्टिवल ट्रेन, पटना रांची स्पेशल ट्रेन, रांची आनंद विहार स्पेशल ट्रेन शामिल है। फिलहाल इन ट्रेनों में दो जेनरेटर कार थे , जिनमें से एक जेनरेटर कार को हटा दिया गया और उसके बदले यात्री कोच जोड़ दिया गया। इससे प्रत्येक ट्रेन की यात्री क्षमता में 72 सीटों का इजाफा हो गया।

राजधानी ट्रेन को रांची से दिल्ली जाने में 6000 लीटर तेल खर्च होता है, एक जनरेटर कार को चलाने से प्रति घंटे 55 लीटर तेल खपत होती है। ऐसे में अप्रैल से सितंबर माह तक रांची रेल मंडल ने इन सात ट्रेनों से जनरेटर कार हटा देने के बाद से 15 लाख रुपये तेल की बजत की है। इस नई तकनीक के कारण वायु और ध्वनि प्रदूषण बिलकुल नहीं होगा। पावर कार से होने वाला कार्बन उत्सर्जन रुकेगा। अभी ट्रेनों में आगे-पीछे लगे दोनों पावर कार सालाना लगभग 650 से 700 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को करते हैं। हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) तकनीक का इस्तेमाल कर रेलवे ने ईंधन खपत में 15 लाख रुपये की बचत की है। ट्रेनों में दो में से एक ही जेनरेटर कार लग रहा है। इसके बदले यात्री कोच की सुविधा बढ़ा दी गई है। साथ ही ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण हो रहा है।

अवनीश, सीपीआरओ, रांची रेल मंडल

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