गबन की राशि जमा नहीं, दायर होगा नीलाम पत्रवाद

रिम्स में कैश काउंटर से गबन की गई राशि की वापसी के लिए प्रबंधन नीलाम पत्रवाद का सहारा ले रहा है। रिम्स के कैश काउंटर से लगभग 1 करोड़ रुपये का गवन किया गया था। जिसकी वसूली नहीं की जा सकी है। रिम्स प्रशासन अब कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 May 2018 08:09 AM (IST) Updated:Sat, 19 May 2018 08:09 AM (IST)
गबन की राशि जमा नहीं, दायर होगा नीलाम पत्रवाद
गबन की राशि जमा नहीं, दायर होगा नीलाम पत्रवाद

रांची : रिम्स में कैश काउंटर से गबन की गई राशि की वापसी के लिए प्रबंधन नीलाम पत्रवाद का सहारा ले रहा है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। रिम्स कैश काउंटर से एक करोड़ से अधिक की राशि का गबन किया गया था। कैश काउंटर संचालन के लिए आउटसोर्सिग के तहत एमएस इंफोनेट नामक एजेंसी को जिम्मा दिया गया था। एजेंसी ने 12 जनवरी 2006 से 08 जनवरी 2016 तक काम किया।

कैश काउंटर से 99.42 लाख रुपये अनियमितता के आरोप में एजेंसी को हटा दिया गया। 06 नवंबर 2017 को एजेंसी के विरुद्ध बरियातू थाना में राशि गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। किंतु एजेंसी द्वारा अब तक राशि वापसी नहीं की गई। इसके पश्चात प्रबंधन ने नीलाम पत्र वाद दायर करने का निर्णय लिया। फरवरी 2018 में कैश काउंटर से 4.57 लाख रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया था। कैश काउंटर पर काम करने वाले दो कर्मियों के नाम सामने आए थे। इनमें बिनोद कुमार को 2,07,000 रुपये तथा उमेश कुमार वर्मा को 2,50,400 रुपये जमा कराने का निर्देश लेखा पदाधिकारी ने दिया था। राशि जमा नहीं होने पर 16 मार्च 2018 को प्रबंधन ने बरियातू थाने में मामला दर्ज कराया था, लेकिन इसके बाद भी राशि जमा नहीं की गई। रिम्स निदेशक ने अपने पत्र में बताया है कि रिम्स में विभिन्न तरह की जांच के लिए निर्धारित राशि ली जाती है। पैसा जमा लेने के बाद संस्थान के कैस काउंटर से एक मूल एवं एक कार्बन कॉपी के रूप में रशीद दी जाती है। मरीजों की जांच नहीं होने की स्थिति में रसीद की दोनों कॉपी जमा कराने पर राशि लौटा देने का प्रावधान है। लेकिन रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में जांच हो जाने के बाद भी डुप्लीकेट रसीद के सहारे कैश काउंटर से राशि वापस ले ली गई। रेडियोलॉजी विभाग से मामले का खुलासा हुआ। आरोपित दोनों कर्मी रिम्स के दैनिक वेतन भोगी थे। इस मामले में नीलाम पत्र वाद दायर किया जा रहा है। सरकारी राशि प्राप्त कर इसे वापस नहीं करने पर अधिकारियों द्वारा नीलाम पत्रवाद दायर करने का प्रावधान है।

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