Money Laundering मामले में फरार पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव ने कोर्ट में किया सरेंडर
Jharkhand. 12.81 करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले मे मनोज के अलावा उनके दोनों भाई सुबोध सिंह व सुजीत सिंह भी आरोपी हैं।
रांची, जासं। मनी लांड्रिंग मामले में फरार चल रहे पूर्व मंत्री व वर्तमान सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व पीए मनोज सिंह शनिवार को ईडी के विशेष अदालत में सरेंडर कर दिया। आरोपी की ओर से अदालत में जमानत फाइल किया गया। इसे अदालत ने खारिज करते हुए 28 फ़रवरी तक के लिए जेल भेज दिया। 12.81 करोड़ के भ्रश्टाचार के मामले मे मनोज के अलावा उनके दोनों भाई सुबोध सिंह व सुजीत सिंह भी आरोपी हैं। पिछ्ले 2013 से फरार चल रहे थे। कुर्की जब्ती के डर से सरेंडर किया।
ईडी ने तीनों के घर पर इश्तेहार चिपकाया था। इश्तेहार चिपकाए जाने के एक माह पूरा होने तक अगर तीनों सरेंडर नहीं करते तो अदालत कुर्की जब्ती का आदेश जारी कर सकती थी। यह अवधि 17 फ़रवरी को समाप्त हो रही थी। मनोज मोरहाबादी मे जबकी उनके दोनो भाई जमशेदपुर मे रहते हैं।
क्या है आरोप
पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के पीए रहने के दौरान आरोपितों की संपत्ति में बेतहासा वृद्धि हुई थी। नौ अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मनोज सिंह के बैंक खाते में 12 करोड़ 54 लाख 23 हजार 337 रुपये का फिक्स डिपोजिट किया गया। बचत खाता में 23 लाख 77 हजार 977 रुपया पाया गया। जबकि मंत्री के पीए के रूप में प्रतिमाह 48 हजार 924 रुपया मिलता था।
उसके विलासितापूर्ण जीवन को देखकर आयकर विभाग की ओर से चल अचल संपत्ति की जांच की गई थी। मामला सामने आने के बाद 2 दिसंबर 2009 को एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की थी। एसीबी ने तीनों भाईयों के अलावा उनके पिता अवधेश सिंह को आरोपित बनाया गया था। बाद में केस को ईडी ने टेकओवर कर लिया।