6th JPSC: सरकार के पहले संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती, मुख्‍य परीक्षा दोबारा कराने की मांग

Jharkhand. छठी जेपीएससी में सरकार के पहले संशोधन को चुनौती दी गई है। राहुल कुमार ने दाखिल की हाई कोर्ट में याचिका। मुख्‍य परीक्षा रद कराने की मांग।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 07:16 PM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 05:14 PM (IST)
6th JPSC: सरकार के पहले संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती, मुख्‍य परीक्षा दोबारा कराने की मांग
6th JPSC: सरकार के पहले संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती, मुख्‍य परीक्षा दोबारा कराने की मांग

रांची, राज्य ब्यूरो। छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी होने वाला है, लेकिन इससे जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे संबंधित एक मामला फिर झारखंड हाई कोर्ट पहुंचा है। प्रार्थी राहुल कुमार व अन्य ने छठी जेपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के बाद सरकार के पहले संशोधन के लिए जारी संकल्प को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। उनकी ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने उक्त याचिका दाखिल की है।

उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल 2017 को सरकार द्वारा जारी संकल्प के चलते ही प्रारंभिक परीक्षा में पास हुए 5138 अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 6103 हो गई। नियमानुसार यह 15 गुना से 965 अधिक है। इसलिए सरकार की उक्त संकल्प को रद किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि पिछले दिनों इस मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के दूसरे संकल्प को खारिज करते हुए रिक्त पद से 15 गुना ही प्रारंभिक परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है। दरअसल, छठी जेपीएससी की परीक्षा के परिणाम को लेकर सरकार की ओर से जारी गए दूसरे संकल्प के बाद 34 हजार अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की परीक्षा लेने में कई गलतियां हुई हैं। इसलिए मुख्य परीक्षा को रद कर दोबारा 15 गुना पास अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए। इसके लिए अखबारों में छपी खबरों का भी हवाला दिया गया है। इसके अलावा छठी जेपीएससी के 24 फरवरी से होने वाले साक्षात्कार पर रोक लगाने की मांग गई है।

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