तत्कालीन आइएएस के खिलाफ एसीबी में प्राथमिकी
रांची : मोटी रकम लेकर केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मियों को नियमित करने का आरोप
रांची : मोटी रकम लेकर केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मियों को नियमित करने के आरोप में आइएएस अधिकारी सह सहकारी सहयोग समिति झारखंड के तत्कालीन निबंधक गौरी शंकर प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज प्राथमिकी को सुनवाई के लिए एसीबी के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नंबर दो की अदालत में भेज दिया है। गौरी शंकर के खिलाफ सिद्धेश्वर तिवारी ने 14 मई 2013 को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप से संबंधित पांच बिंदु अंकित किए थे। एसीबी ने प्रारंभिक जांच में आरोप से संबंधित दो बिंदुओं को सत्य पाते हुए गौरी शंकर के प्रशासी विभाग से उनके खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में मंतव्य मांगा था। मांगे गए मंतव्य को एसीबी को उपलब्ध नहीं कराया गया। गौरी शंकर पर आरोप है कि स्वार्थ को लेकर नियमों को ताक पर रखकर अवैध ढंग से राज्य के कई केंद्रीय सहकारी बैंकों के दैनिक मजदूर व संविदा के आधार पर कार्यरत कई कर्मियों को नियमित किया था। नियमित करने के एवज में कर्मियों से एक करोड़ रुपये की वसूली की। मामले को लेकर एसीबी ने कांड संख्या 1/2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें कहा गया है कि गुमला, धनबाद, चाईबासा, देवघर, दुमका के केंद्रीय सहकारी बैंक के कई दैनिक भोगी व संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा को नियमित किया गया। इसके लिए प्रत्येक कर्मियों से दो लाख रुपये वसूले गए। केंद्रीय सहकारी बैंक दुमका के तीन अनुसेवक, एक चालक, छह कंप्यूटर ऑपरेटर को नियमित किया। वहीं केंद्रीय सहकारी बैंक धनबाद के 25 कर्मी, दुमका के 10 कर्मी, धनबाद के 18 व हजारीबाग के 15 कर्मियों को नियमित किया। जबकि नियमित करने का कार्य सरकार को थी।