रांची में क्लीनिक की आड़ में डॉक्टर छाप रहा था नकली नोट, गिरफ्तार
रांची मांडर रांची के मांडर में स्किन ट्रीटमेंट क्लीनिक की आड़ में डॉक्टर जाली नोट छाप रहा था। उसे गिरफ्तार किया गया है।
जेएनएन, रांची, मांडर : रांची के मांडर में स्किन ट्रीटमेंट क्लीनिक की आड़ में डॉक्टर जाली नोटों की छपाई कर रहा था। पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए डॉ. आसिफ अंश को 50 हजार जाली नोटों के साथ पकड़ा है। डॉ. आसिफ अंश ने खुद को स्किन स्पेशियलिस्ट बताया है। वह ब्रांबे कुष्ठ हॉस्पिटल के निकट रानी केयर सेंटर 'चर्म रोग' नामक क्लीनिक चला रहा था।
पुलिस का कहना है कि डॉ. आसिफ 500, 200 और 100 रुपये के नोटों की छपाई कर ग्रामीण इलाकों में इन्हें खपा रहा था। अब बड़े पैमाने पर नोट छापने की तैयारी कर रहा था। लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। खलारी डीएसपी मनोज कुमार ने मांडर थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि एसएसपी अनीश गुप्ता को गुप्त सूचना मिली थी कि नकली नोट छापने का धंधा चल रहा है। इसकी सूचना पर एक टीम का गठन कर रानी केयर सेंटर में छापेमारी की गई। पुलिस का कहना है कि डॉ. आसिफ का आपराधिक इतिहास नहीं मिला है। उसने बताया है कि उसने डॉक्टरी पढ़ाई की है।
खेल-खेल में नोट स्कैन कर छापा, असली लगा तो धंधे में उतर गया डॉक्टर
पैसा कमाने की सनक ने डॉक्टर को जाली नोटों के धंधे में उतार दिया। मांडर से पकड़े गए डॉ. आसिफ अंश ने पुलिस को बताया है कि उसने एक नोट को खेल-खेल में स्कैन किया और फिर इसे प्रिंट किया था। प्रिंट में नोट असली लगा तो उसने धंधे में उतरने की सोची। अपर बाजार की स्टेशनरी दुकान से उसने ए-4 साइज की अच्छी क्वालिटी का पेपर खरीदा। इन पेपर पर ही उसने नकली नोटों को प्रिंट करना शुरू किया। इन्हें करीने से काट कर बाजार में चलाना शुरू किया।
मुड़मा बाजार में खूब खपाया जाता है नोट : पुलिस की पूछताछ में डॉ. आसिफ ने बताया है कि वह पहली बार मुड़मा बाजार में जाली नोटों की छपाई कर चला चुका था। उन नोटों को खुद छापकर छोटे-छोटे दुकानों में चला रहा था। ज्यादातर सब्जी दुकान, राशन दुकान, होटल जैसी दुकानों में नोट चला रहा था। नोटों के तेजी से चलने की वजह से बड़े पैमाने पर छापने की तैयारी कर रहा था। छापेमारी टीम में ये थे शामिल : छापेमारी दल में डीएसपी मनोज कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर शाता प्रसाद, थाना प्रभारी राणा जंग बहादुर सिंह, एएसआई योगेंद्र कुमार सिंह, पीएसआई संजय मुंडा, सन्नी डेविड बाड़ा सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। 500 रुपये के नोट को ऐसे पहचानें
सामने की तरफ
नोट को लाइट के सामने रखने पर 500 अंक लिखा दिखेगा।
आख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर रखने पर यहा 500 लिखा दिखेगा।
देवनागरी में 500 लिखा दिखेगा।
पुराने नोट की तुलना में महात्मा गाधी की तस्वीर का पोजिशन थोड़ा अलग है।
नोट हल्का मोड़ने पर सिक्योरिटी थ्रेड का कलर हरा से नीला हो जाता है।
पुराने नोट की तुलना में गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी तरफ शिफ्ट हो गया है।
यहा महात्मा गाधी की तस्वीर और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क है।
ऊपर में सबसे बाईं तरफ और नीचे में सबसे दाहिने तरफ लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ बड़े होते जाते हैं।
यहा लिखे नंबर 500 का रंग बदलता है. इसका कलर हरा से नीला हो जाता है।
दाहिनी तरफ अशोक स्तम्भ है.दाहिनी तरफ सर्कल बॉक्स जिसमें 500 लिखा है।
दाहिनी और बाईं तरफ 5 ब्लीड लाइंस हैं जो खुरदरे हैं. पीछे की तरफ
नोट की प्रिंटिंग का साल लिखा हुआ है।
स्लोगन के साथ स्वच्छ भारत का लोगो।
13 सेंटर की तरफ लैंग्वेज पैनल
14 भारतीय ध्वज के साथ लाल किले की तस्वीर
15 देवनागरी में 500 लिखा है। 200 रुपये के नए नोट को ऐसे पहचानें
इसका रंग चमकीला पीला रंग है।
सामने की तरफ गवर्नर का हस्ताक्षर है।
पीछे की तरफ सांची स्तूप की तस्वीर है।
बायीं ओर प्रिंटिंग वर्ष अंकित है।
स्वच्छ भारत का लोगो भी है।