झारखंड में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्ति के साथ ही चार इंक्रीमेंट

झारखंड सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्ति के साथ ही एक साथ चार इंक्रीमेंट का लाभ देगी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 23 Jul 2017 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jul 2017 04:29 PM (IST)
झारखंड में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्ति के साथ ही चार इंक्रीमेंट
झारखंड में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्ति के साथ ही चार इंक्रीमेंट

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्ति के साथ ही एक साथ चार इंक्रीमेंट का लाभ देगी। पीजी डिग्रीधारी डॉक्टरों को चार तथा पीजी डिप्लोमा होल्डर डॉक्टरों को तीन इंक्रीमेंट का लाभ नियुक्ति के साथ ही मिलना शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरी में डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए यह निर्णय लिया है।

झारखंड लोक सेवा आयोग से हो रही नियुक्ति में इसे लागू किया जाएगा। आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में बकायदा इसका जिक्र किया गया है। नियुक्त होनेवाले डॉक्टरों को 9300-34,800 (ग्रेड पे 5400) के साथ पीजी डिग्री की स्थिति में चार तथा डिप्लोमा की स्थिति में तीन इंक्रीमेंट का लाभ नियुक्ति के साथ मिलेगा। इधर, आयोग ने नियुक्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए अभी तक अपेक्षा के अनुरूप बहुत कम आवेदन मिलने के कारण ऐसा किया गया है।नियुक्ति के साथ ही इंक्रीमेंट मिलने से क्या सरकारी नौकरी के प्रति डॉक्टर आकर्षित होंगे?

अब इसके लिए 31 जुलाई तक ऑनलाइन फार्म भरे जाएंगे, जबकि 31 जुलाई के बाद तीन अगस्त तक लिंक परीक्षा शुल्क के भुगतान के लिए ही खुला रहेगा। उल्लेखनीय है कि जेपीएससी ने साइकेट्रिस्ट के 06, नेत्र रोग विशेषज्ञ के 22, शिशु रोग विशेषज्ञ के 230, अस्थि रोग विशेषज्ञ के 18, ईएनटी के 20, रेडियोलाजिस्ट के 32, फारेंसिक विशेषज्ञ के 22, त्वचा रोग विशेषज्ञ के 23 तथा पैथोलॉजिस्ट के 23 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है।

नहीं टिकते डॉक्टर

राज्य सरकार को रिक्त पदों के विरुद्ध स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं मिलते। दो साल पूर्व हुई नियुक्ति में लगभग पांच सौ पदों के विरुद्ध 140 स्पेशलिस्ट डॉक्टर राज्य सरकार को मिले थे। इनमें से लगभग सौ ने ही योगदान दिया। इनमें से भी लगभग पचास डॉक्टरों ने बाद में नौकरी छोड़ दी। उस समय पहली बार इन्हें चार इंक्रीमेंट का लाभ दिया गया था। हालांकि नियुक्ति विज्ञापन में इसका जिक्र नहीं किया गया था। बाद में इस पर कैबिनेट से स्वीकृति ली गई थी। इस बार पहले ही इसका प्रावधान विज्ञापन में कर दिया गया है। 

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