रसोई गैस की तरह राशन कार्ड भी छोड़ें सक्षम लोग

सक्षम लोगों द्वारा रसोई गैस की तरह अब राशन कार्ड भी छोडऩे की आवाज उठी है। यह बात सोमवार को हुई खाद्य आपूर्ति सतर्कता समिति में जोरशोर से उठी। विभाग ने सक्षम लोगों के राशन कार्ड रद कर दिये हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 24 May 2016 04:28 AM (IST) Updated:Tue, 24 May 2016 04:32 AM (IST)
रसोई गैस की तरह राशन कार्ड भी छोड़ें सक्षम लोग

राज्य ब्यूरो, रांची। सक्षम लोगों द्वारा रसोई गैस की तरह अब राशन कार्ड भी छोडऩे की आवाज उठी है। यह बात सोमवार को हुई खाद्य आपूर्ति सतर्कता समिति में जोरशोर से उठी। वहां बताया गया कि खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सक्षम लोगों के राशन कार्ड रद कर दिये हैं, लेकिन सदस्योंं का कहना था कि अभी भी बड़ी संख्या में सक्षम लोग कार्ड धारी बने हुए हैं। उनकी शिकायत यह भी थी कि कई जरूरतमंदों के नाम राशनकार्ड धारक की सूची से हटा दिए गए हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत विभागीय मंत्री सरयू राय की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय सतर्कता समिति की प्रोजेक्ट भवन सभागार में हुई पहली बैठक में सक्षम लोगों से राशन कार्ड छुड़वाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने की सिफारिश की गई। यह भी सहमति बनी कि सरकारी तंत्र के माध्यम से राशनकार्ड धारी सक्षम लोगों की पहचान कर लाभुक सूची से उनका नाम हटवा दिया जाय। सक्षम लोग स्वयं राशन कार्ड नहीं छोड़ते हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि राशन कार्ड बनवाने से पहले लाभुक शपथ पत्र देते हैं कि वे इसके लिए अर्हता रखते हैं। जांच में अर्हता नहीं साबित होने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

बैठक में खाद्यान्न के लीकेज और कालाबाजारी पर चिंता प्रकट की गई। हालांकि विभाग की ओर से इसके लिए आधार से लिंकेज, लाभुकों को अंगूठा लगाकर खाद्यान्न देने, डिजिटल वेइंग मशीन तथा खाद्यान्न का उठाव करनेवाले व डीलर तक पहुंचानेवाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने की व्यवस्था शुरू करने की जानकारी दी गई।

बैठक में बताया गया कि खाद्यान्न उठाव तथा डीलर तक पहुंचने की जानकारी एसएमएस के माध्यम से लाभुकों को दी जा रही है। इसके बावजूद इसकी कड़ी मानिटङ्क्षरग करने का आह्वान समिति के सदस्यों से किया गया। बैठक में सदस्य के रूप में नामित कई विभागों के सचिवों को बुलाया गया था, लेकिन सभी ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर अधीनस्थ पदाधिकारियों को भेज दिया था।

15 वर्षों में नहीं बना पीडीएस कंट्रोल आर्डर

बैठक की अध्यक्षता कर रहे खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्य में पंद्रह वर्षों से पीडीएस कंट्रोल आर्डर नहीं बन पाया है। 2001 में ही इसे सभी राज्यों को बनाना था, जिसके माध्यम से जन वितरण प्रणाली का संचालन किया जाना था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले वर्ष मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों, डीडीसी, एसडीएम, बीडीओ आदि को जन वितरण दुकानों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था, लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो रहा है। उन्होंने पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण के क्रम में टीडीएस भत्ता नहीं लेने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह डीलर के मत्थे ही पड़ता है।

डिपार्टमेंटल स्टोर बनेगा दुकान

खाद्य आपूर्ति सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि राज्य सरकार डीलर की दुकानों को डिपार्टमेंटल स्टोर के रूप में बदलेगी। राजस्थान की तर्ज पर झारखंड में यह कार्य होगा। यहां कई अन्य उत्पाद सस्ती दरों पर बिकेंगे।

जिला स्तर पर भी कमेटियां

बैठक में मंत्री सरयू राय ने सभी सदस्यों से जिला स्तरीय सतर्कता समिति इसी माह तक गठित करने में सहयोग का आह्वान किया। 10 जून को इनकी कार्यशाला होगी, जिसमें उन्हें उनके दायित्वों की जानकारी दी जाएगी।

बड़ी खामियां

- मार्केटिंग आफिसर के 129 पदों के विरुद्ध 117 पद खाली हैं। इसी तरह, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के 256 पदों के विरुद्ध 146 पद रिक्त हैं।

- जन वितरण प्रणाली की सही मानिटङ्क्षरग नहीं होती। विभाग और जिला प्रशासन के बीच समन्वय की भी कमी है।

किसने क्या कहा

जिलों में राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा होना पर्याप्त नहीं। सभी जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने का लक्ष्य हो।

-लुईस मरांडी, मंत्री, समाज कल्याण विभाग

उपायुक्त प्रत्येक माह डीलरों के साथ बैठक करें। क्षेत्र में जाने पर गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं होने से हमें अपराध बोध होता है।

-नीरा यादव, मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग

एक-एक पदाधिकारी पांच-छह प्रखंडों को देखता है, जिससे सही मानिटङ्क्षरग नहीं हो पाती। डीलर कई लोगों के कार्ड अपने पास रख लेते हैं और उनके हिस्से के अनाज की कालाबाजारी करते हैं।

-वीडी राम, सांसद, पलामू

राशन का खाद्यान्न न केवल दूसरे राज्यों बल्कि बांग्लादेश में भी भेजा जा रहा है। यह देखना होगा कि अधिकारी इसे रोकने में कितने सक्षम हैं? गोड्डा के धनबारा में तीन माह से राशन नहीं मिल रहा है।

-निशिकांत दूबे, सांसद, गोड्डा

मानिटङ्क्षरग में पंचायतों को भी जिम्मेदारी मिले। डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर सक्षम लोगों के नाम चिह्नित कर राशन कार्ड लाभुक सूची से उनके नाम हटाए जाएं।

-विमला प्रधान, विधायक, सिमडेगा

सप्लाई चेन व्यवस्थित हो। तीन माह लगातार खाद्यान्न नहीं देने पर एक माह का राशन देकर कालाबाजारी होती है। इसपर रोक लगे- अनंत ओझा, विधायक, राजमहल।

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